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विवाह के पूर्व सिकल कुंडली का करें जरूर मिलान – कलेक्टर

  • सिकल सेल बीमारी के प्रति लोगों को करना होगा जागरूक
  • कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर सिकल सेल जागरूकता रथ को किया रवाना
  • नि:शुल्क स्क्रीनिंग किए जा चुके 5 हितग्राहियों को दिया गया सिकल सेल पहचान कार्ड
  • विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर सिकल सेल की स्क्रीनिंग एवं जागरूकता के लिए जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित
    राजनांदगांव 20 जून 2024/sns/- विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल की उपस्थिति में जिला पंचायत के सभाकक्ष में सिकल सेल की स्क्रीनिंग एवं जागरूकता के लिए जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सिकल सेल बीमारी की पहचान, सिकल सेल एनीमिया के लक्षण, निदान एवं रोकथाम के लिए जन जागरूकता लाने के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह उपस्थित थी। इस अवसर पर नेशनल कान्क्लेव अवेयरनेस जेनरेशन ऑन सिकल सेल डीजिज एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। जिला पंचायत परिसर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:शुल्क सिकल सेल जांच शिविर आयोजित किया गया। जांच शिविर में अधिकारियों-कर्मचारियों एवं उपस्थित नागरिकों ने जांच कराई। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने जिला स्तरीय विश्व सिकल सेल कार्यक्रम में नि:शुल्क स्क्रीनिंग किए जा चुके 5 हितग्राहियों को सिकल सेल पहचान कार्ड वितरित किया। इस पहचान पत्र से उन्हें सिकल सेल रोग का समुचित इलाज का लाभ मिलेगा।
    कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि शासन द्वारा प्रत्येक व्यक्ति का नि:शुल्क सिकल सेल स्क्रीनिंग एवं जांच की जा रही है। जिससे लोगों को सही समय पर ईलाज एवं दवाईयां उपलब्ध करा सके। इस बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सही समय पर स्क्रीनिंग एवं जांच होने पर सिकल सेल की बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है लेकिन सिकल सेल रोग में यह कार्य बाधित हो जाता है। यह एक अनुवांशिक रोग है। इसकी सही समय पर जांच कराने और नियमित दवाईयां लेने से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विवाह कराने के पहले सिकल कुंडली का जरूर मिलान करना चाहिए। किसी भी बीमारी का सही समय में जांच होने पर समाधान निकलता है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है।
    कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि सिकल सेल बीमारी होने पर मरीज को बहुत सारी समस्याएं होती हैं। यदि समय पर पता चल जाए तो उसे नियमित दवाई लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिकल सेल के लक्षण दिखाई देने पर समय रहते जांच करानी चाहिए। जिससे सही समय पर ईलाज हो सके। किसी के घर में कोई बीमार व्यक्ति रहता है तो पूरा परिवार परेशान रहता है। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि जब तक समस्या का पता नहीं चलेगा उसका समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए जांच कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जांच कराने से बीमारियों का पता चल जाता है और इसका सही समय पर समाधान निकल जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में 3 लाख से अधिक लोगों का स्क्रीनिंग करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल बीमारी के संबंध में जनसामान्य जागरूक होंगे तो यह समस्या कम हो जाएगी। इसके लिए सावधानियां बरतने कहा।
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने सिकल सेल बीमारी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सिकल सेल पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली बीमारी है। इस रोग में गोलाकार हीमोग्लोबीन हंसिये के रूप में परिवर्तित होकर नुकीले और कड़े हो जाते हैं। यह रक्त कण शरीर की छोटी रक्त वाहिनी में फंसकर लिवर, तिल्ली, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों के रक्त प्रवाह को बाधित कर देते हंै। उन्होंने बताया कि सिकल सेल होने पर भूख न लगना, खून की कमी से उत्पन्न एनीमिया, हल्का एवं दीर्घकालीन बुखार रहना, थकावट, त्वचा एवं आंखों में पीलापन, बार-बार पेशाब आना व मूत्र में गाढ़ापन, तिल्ली में सूजन, चिड़चिड़ापन और व्यवहार में बदलाव, वजन और ऊंचाई सामान्य से कम, हाथ-पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, हड्डियों और पसलियों में दर्द जैसे लक्षण शरीर में दिखाई देने लगते हंै। उन्होंने कहा कि सिकल सेल के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में नि:शुल्क सिकल सेल जांच करा सकते हैं। सिकल सेल के मरीजों के लिए शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में हाइड्रोक्सीयूरिया दवाई नि:शुल्क उपलब्ध है। विवाह पूर्व सिकल सेल जांच अवश्य कराना चाहिए। 0 से 40 आयु वर्ग के सभी व्यक्त्यिों की सिकल सेल जांच व उपचार सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है। इस अवसर पर सहायक संचालक आदिवासी विकास विभाग सुश्री दिक्षा गुप्ता, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य विभाग एवं आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, मितानीन तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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