छत्तीसगढ़

आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों के साथ भेदभाव का व्यवहार नहीं होना चाहिए- कलेक्टर

  • कलेक्टर ने नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों की अच्छी शिक्षा के लिए मेंटॉर नियुक्त करने के संबंध में अधिकारियों की ली बैठक
  • विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को सहायता प्रदान करेंगे मेंटॉर
  • प्रशासनिक अमला मेंटॉर के रूप में सक्रिय रहते हुए आरटीई के सुचारू क्रियान्वयन के लिए कार्य करेंगे
  • आरटीई के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा जिला स्तरीय समिति का होगा गठन
    राजनांदगांव 26 जून 2024 sns/- कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों की अच्छी शिक्षा के लिए मेंटॉर नियुक्त करने के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश हेतु चयनित किया गया है। प्रवेश लेने के बाद नये विद्यालय के वातावरण से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाने के कारण शाला का त्याग कर ड्राप आऊट हो गए हैं। विद्यार्थियों का ड्राप आऊट होना चिंता का विषय हंै। उन्होंने कहा कि भेदभाव होने जैसी स्थिति अच्छी नहीं है। स्कूलों में बच्चों के साथ सबका व्यवहार अच्छा होना चाहिए। इसके लिए विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को सहायता प्रदान करने तथा अभिभावक, स्कूल प्रबंधन एवं प्रशासन के मध्य समन्वय कर विद्यार्थी को उसकी शिक्षा निरंतर रखने में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए मेंटॉर की नियुक्ति की जानी है। जिले में शिक्षा का अधिकार अंतर्गत 175 स्कूलों में 1703 सीट है तथा प्रथम चरण में 1471 विद्यार्थी चयनित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मेंटॉर बच्चों से सतत संपर्क में रहते हुए अभिभावकों से बात करते रहेंगे। विद्यालयों में बच्चों को यदि कोई समस्या आती है, तो उसका समाधान करेंगे।
    कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि जिले के प्रशासनिक अमला मेंटॉर के रूप में सक्रिय रहते हुए आरटीई के सुचारू क्रियान्वयन के लिए कार्य करेंगे। यदि विद्यार्थी स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो रहे हंै, तो पालक एवं विद्यार्थी को पे्रेरित कर नियमित उपस्थिति की दिशा में कार्य करेंगे। इस बात पर विशेष ध्यान देना है कि विद्यार्थी ड्राप आऊट नहीं हो। मेंटॉर यह भी सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल के सामान्य विद्यार्थी एवं आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों के मध्य शाला प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की असमानता का व्यवहार नहीं किया जा रहा हो। मेंटार यह मानिटरिंग करेंगे कि विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो तथा विद्यालय द्वारा अधिनियम के प्रावधानों का किसी भी रूप में उल्लंघन नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि आरटीई के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जिसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त, सहायक आयुक्त अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग, जिला समन्वयक मिशन संचालक समग्र शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी, एक प्रचार्य, एक पालक होंगे। जिला स्तरीय समिति द्वारा नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनिमय 2009 अंतर्गत भर्ती किए गए विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा पूरी होने तक विद्यालयों में बनाए रखने के लिए सतत प्रयास किया जाएगा। समिति द्वारा आरटीई पोर्टल में लाटरी के माध्यम से चयनित विद्यार्थी का प्रवेश सुनिश्चित करवाना एवं विद्यालयों में विद्यार्थियों के साथ भेदभाव नहीं हो यह सुनिश्चित करना होगा। आईटीई अंतर्गत विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों को स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। जिला स्तरीय समिति द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिलों में संचालित गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय आरटीई पोर्टल पर पंजीकृत हो। इस दौरान वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, नगर निगम आयुक्त श्री अभिषेक गुप्ता, संयुक्त कलेक्टर श्री खेमलाल वर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम डोंगरगांव श्री मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगढ़ श्री उमेश पटेल, जिला शिक्षा अधिकरारी श्री अभय जायसवाल, जिला मिशन समन्वयक श्री सतीश ब्यौहारे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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