रायगढ़, 29 जून 2024/sns/- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.बी.के.चंद्रवंशी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मातृ-मृत्यु की समीक्षा की गई। जिसमें महिला बाल विकास के समस्त जिला नोडल अधिकारी डॉ. बी.पी.पटेल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री रंजना पैंकरा, आरएमएनसीएचए सलाहकार डॉ.राजेश मिश्रा, विकासखंड के खंड चिकित्सा अधिकारी, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक, एवं महिला एवं बाल विकास के सुपरवायजर, संबंधित क्षेत्र के आर.एचओ महिला/पुरूष, उपस्थित रहें।
बैठक में मृत गर्भवती महिलाओं की किन कारणों व किस कमी की वजह से इनकी मृत्यु हुई इनके बारे में गहनता से बिन्दुवार समीक्षा की गई। बैठक में गर्भवती महिलाओं का एनीमिक होना व एनीमिक पाये जाने पर उनका सही ढंग़ से फालोअप लेना जैसे-आयरन व कैल्शियम की दवा का फालोअप करना, सही ढ़ंग़ से प्रत्येक एएनसी जांच पर उनका हीमोग्लोबिन, बी.पी, यूरिन शूगर, यूरिन एल्बुमिन की जांच का सही रिपोर्टिंग करना, सही वजन लेना, जिस महिला का हाई रिस्क हो तो उनका समय समय पर फालोअप करना, उनके प्रसव से संबंधित पुराने रिकार्ड की समीक्षा करते हुए उनकी जांच पर विशेष ध्यान देने के लिये व प्रशासनिक रूप से सभी खंड चिकित्सा अधिकारी व चिकित्सा अधिकारी में होने तक मितानिन एएनएम, द्वारा गृह भेंट 1, 3, 7, 14, 28 ,42, 90 दिन तक घर में जाकर उनके स्वास्थ्य के बारें में विस्तृत जानकारी लेने हेतु निर्देश दिए गए। ततपश्चात् स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास के साथ संयुक्त रूप बैठक संपादित की गई। जिसमें गंभीर कुपोषित बच्चों को शिशु विशेषज्ञ की सहायता से बच्चों का चिन्हाकन कर एनआरसी सेंटर में रिफर करने के निर्देश दिए गए। साथ ही कुपोषित बच्चों के माता पिता का काउंसिंलिंग कर इलाज करवाने हेतु व दोनो विभाग मिलकर समन्वय स्थापित कर लक्ष्य प्राप्ति करने हेतु निर्देशित किया गया।