🟨 प्रेस विज्ञप्ति
🔳 माड़ डिवीजन मुठभेड़
🟨 दिनांक 04.07.2024
🔳 जिला नारायणपुर
🟥 नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ अभियान” में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता। नक्सली माड़ डिविजन कम्पनी नम्बर 01 के साथ हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ जिसमें 05 हथियारबंद माओवादी ढेर।
🟥 मृत माओवादियों का पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी प्रोटेक्शन टीम मेम्बर के रूप में हुई है पहचान।
माड़ डिवीजन के कुतुल एरिया कमेटी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम हिकुलनार-घमंडी के जंगलों में लगातार 72 घंटों तक चलाया गया था सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ अभियान’’।
🟥 संयुक्त अभियान में नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाडा, जगदलपुर जिलो के एलिट फोर्सेस डीआरजी एवं एसटीएफ, बीएसएफ 135वीं वाहिनी एवं 53वी वाहिनी आईटीबीपी का बल रहा शामिल।
🟥 मौके से 01 नग 303 रायफल, 03 नग 315 बोर रायफल, 02 नग मजल लोडिंग रायफल, 01 नग बीजीएल लांचर व सेल 06 नग सहित भारी मात्रा में विस्फोटक सामान व अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद।
🟥 मुठभे़ड़ में बड़ी संख्या में अन्य नक्सलियों के मारे जाने अथवा घायल होने की संभावना।
60 दिनों के अंदर नारायणपुर पुलिस के नक्सल विरोधी माड़ बचाओ अभियान को पांचवी बड़ी सफलता हिकुलनार-घमंडी से पहले उत्तरी माड़ में काकुर, दक्षिणी माड़ में रेकावाया एवं पूर्वी माड़ क्षेत्र में ईरपनार-भट्बेड़ा एवं पश्चिम माड़ कोड़तामरका में मिल चुकी है बड़ी सफलता ।
🟥 भय और हिंसामुक्त माड़ अब दूर नहीं। ग्रामीणों में जगी नक्सली भय से आजादी की आशा। नक्सल मुक्त बस्तर का हो रहा है सपना सकार।
🟥 वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश में बस्तर संभाग अंतर्गत विगत महीनों में प्रभावी रूप से नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी अंतर्गत माड़ से नक्सलवाद का सफाया करने के उद्देश्य से नारायणपुर पुलिस के द्वारा पिछले चार महीने से नक्सल विरोधी माड़ बचाओ अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में दिनांक 30 जून 2024 को जिला नारायणपुर के माड़ क्षेत्र में माड़ डिवीजन के सचिव रनिता उर्फ जयमती, CCM सोनू , CCM कोसा, अरुण, राधिका, अरब, सुखलाल व कम्पनी नम्बर 01 एवं अन्य माओवादी कैडरों की उपस्थिति की आसूचना पर संयुक्त बल रवाना किया गया था।
🟥 पुलिस को माड़ डिवीजन के कुतुल एरिया कमेटी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम जटवर, हिकुलनार, घमंडी एवं आसपास क्षेत्र में नक्सलियों की उपस्थिति की आसूचना प्राप्त हुई थी। उक्त सूचना के तस्दीकी हेतु दिनांक 30.06.2024 को नारायणपुर डीआरजी, दंतेवाडा डीआरजी, जगदलुपर डीआरजी, कोण्डागांव डीआरजी, एसटीएफ बघेरा तथा आईटीबीपी 53वीं वाहिनी एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी का संयुक्त बल नक्सल विरोधी अभियान हेतु ग्राम जटवर, हिकुलनार, घमंडी क्षेत्र में रवाना हुई थी।
🟥 अभियान के दौरान दिनांक 30.06.2024 को शाम करीबन 05ः00 बजे से ग्राम हिकुलनार-घमंडी के जंगल पहाड़ में माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलो को जान से मारने व हथियार लूटने की नियत से अंधाधुंध फायरिंग किया गया ।
🟥 पुलिस पार्टी द्वारा तत्काल पोजीशन लेकर आत्मसमर्पण हेतु आवाज दिया गया आत्मसमर्पण की बात को नक्सलियों के द्वारा अनसुना करते हुए और अधिक मात्रा में फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी के पास आत्मसुरक्षार्थ फायरिंग के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होने पर सुरक्षा बलों द्वारा मौके पर पोजिशन लेकर जवाबी फायरिंग किया गया इसके बाद रूक-रूक कर अलग-अलग टीमों के साथ लगातार 48 घंटे मुठभेड़ हुआ। बाद खुद को घिरता देखकर नक्सली जान बचाकर घने जंगलो व पहाड़ियों की आड़ लेकर भाग गये।
🟥 फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों द्वारा अपने-अपने दिये गये टॉस्क क्षेत्र में सर्चिंग करने पर घटना स्थल के अलग-अलग स्थानों से कुल 05 पुरूष माओवादी का शव तथा शव के पास से 01 नग .303 रायफल, 02 नग 315 बोर रायफल, 02 नग मजल लोडिंग रायफल, 01 नग बीजीएल लांचर, बीजीएल सेल 06 नग एवं भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ। घटना स्थल में और भी खून के धब्बे दिखाई दिये जिससे प्रतीत होता है कि इस मुठभेड़ में बडी संख्या में अन्य माआवेदियों के घायल अथवा मारे जाने की संभावना है।
🟥 नारायणपुर पुलिस के नक्सल विरोधी “माड़ बचाओ अभियान” को 15 दिवस के भीतर माड़ दूसरी बड़ी सफलता है एवं 60 दिनों के भीतर पांचवी बड़ी सफलता है। ज्ञात हो की हो की 30 अप्रैल काकुर-टेकमेटा में, 24 मई को रेकावाया में, 8 जून को ईरपनार-भट्बेड़ा, 15 जून को कोड़तामरका में इसी अभियान के तहत बड़ी सफलता मिल चुकी है।
🟥 ‘‘माड़ बचावों अभियान’’ को सुरक्षा बलों के द्वारा मानसून में भी क्षेत्र के भौगोलिक विकट परिस्थितियों से निपटते हुए अदम्य साहस एवं बहादूरी का परिचय देते हुए माओवादियों से लड़ते हुए नक्सल विरोधी “माड़ बचाओ अभियान” को सफल अभियान बनाया गया। निःसंदेह सुरक्षा बलो का माओवादियों के विरूद्ध कड़ा प्रहार है।
🟥 लगभग 40 साल से माड़ नक्सलवाद हिंसा व भय से ग्रस्त है लेकिन अब यहांॅ के मूलवासी एवं ग्रामीण हिंसा भय एवं नक्सलवाद से मुक्त माड़ की कल्पना कर रहे हैं। नक्सल विरोधी सफल अभियानों से विकास को गति मिल रही है। बल्कि आदिवासी एवं ग्रामीणों को विचारों की अभिव्यक्ति मिल रही है।
🟪 मारे गये नक्सलियों के नाम व पद
- राकेश उम्र करीबन 35 वर्ष पद पीएलजीए कम्पनी नम्बर01 सीसी प्रोटेक्शन टीम मेम्बर, ईनामी- 8 लाख।
2- कोंडा तोगड़ा उम्र करीबन 30-35 वर्ष पद- पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी प्रोटेक्शन टीम मेम्बर,ईनामी- 8 लाख।
3- एडमा वड्डे उम्र करीबन 40 वर्ष पद- पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी प्रोटेक्शन टीम मेम्बर, ईनामी- 8 लाख।
4- कमलू वड्डे उम्र करीबन 40 वर्ष पद- पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी प्रोटेक्शन टीम मेम्बर, ईनामी- 8 लाख।
5- फरसा तुमड़ा उम्र करीबन 30 वर्ष- पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी प्रोटेक्शन टीम मेम्बर, ईनामी- 8 लाख।
🟥 नक्सल विरोधी अभियान के दौरान माओवादियों के द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के नीयत से 02 आई.ई.डी ब्लास्ट किया गय ाऔर एम्बुश कर सुरक्षा बलों को जान से मारने की नीयत से फायरिंग की गई जवाबी कार्यवाही में सुरक्षा बलों द्वारा घेराबंदी कर 03 नक्सलियों को हिरासत में लिया गया, जिसमें 02 घायल होने से अस्पताल में ईलाज हेतु भर्ती कराया गया उपचार जारी है। तीनों नक्सलियों के नाम निम्नलिखित है
1- गोर्रा वड्डे निवासी घमंडी।
2- बुद्धू कुमड़ा निवासी घमंडी।
3- कोसा निवासी घमंडी।
🟥 उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर श्री के0 एल0 धु्रव एवं पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री प्रभात कुमार द्वारा बताया गया कि- इस ऑपरेशन के उपरांत नक्सलियों के गढ़ रहे माड़ डिवीजन के माआवेदियों में भय का माहौल व्याप्त है। माड़ क्षेत्र को नक्सली शीर्ष नेतृत्व अपना सुरक्षित ठिकाना मानते है नक्सली नेतृत्व इस ऑपरेशन उपरांत ग्रामीणों एवं अपने निचले कैडर को दोषारोपण कर रहे हैं। माड़ डिवीजन में नक्सलियों के अटैकिंग फोर्स के स्तम्भ रहे माड़ डिवीजन माओवादियों के ऊपर यह अब तक विगत ढेड़ माह के अन्दर तीसरा कड़ा प्रहार है।
🟥 दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें चरमपंथी सिद्धांतों के आकर्षण से निकलना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके। हम उन सभी मूलवासियों से जो बाहरी विचारधारा और बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गये हैं। अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद एवं नक्सली विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति को अपनाकर समाज के मुख्य धारा से जुड़े और हथियार और नक्सलवादी विचारधारा का पूर्णतः त्याग व विरोध करें।
🟥 पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज श्री सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से स्थानीय पुलिस बल तथा केन्द्रीय अर्धसैनिक बल द्वारा विगत दिनों में बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2024 में अब तक बस्तर संभाग के अंतर्गत हुई विभिन्न मुठभेड़ो के दौरान अब तक कुल 136 माओवादियों के शव बरामद की गई जिसमें सर्वाधिक जिला बीजापुर- 51, कांकेर-34 एवं नारायणपुर- 31 माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया ह
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Press Release Mad Division Encounter Date: 04.07.2024 District: Narayanpur
🔹 The Narayanpur Police, in their anti-Naxal “Maad Bachao Abhiyan – Save Maad from Naxalism,” achieved significant success.
🔹 In an encounter between the police and Naxals from Mad Division Company No. 01, five armed Maoists were killed.
🔹 The deceased Maoists were identified as members of the PLGA Company No. 01 CC Protection Team.
🔹 The “Maad Bachao Abhiyan ” was conducted continuously for 72 hours by security forces in the forests of Hikulnar-Ghamandi, under the Kutul Area Committee of the Mad Division.
🔹 The joint operation included elite forces from Narayanpur, Kondagaon, Dantewada, and Jagdalpur districts, including DRG, STF, BSF 135th Battalion, and ITBP 53rd Battalion.
🔹 From the site, one .303 rifle, three 315 bore rifles, two muzzle-loading rifles, one BGL launcher with six shells, and a large quantity of explosives and other Naxal daily use items were recovered.
🔹 There is a possibility that many other Naxals were killed or injured in the encounter.
🔹 This is the fifth major success of the Narayanpur Police’s anti-Naxal “Maad Bachao Abhiyan ” within 60 days. Prior to Hikulnar-Ghamandi, significant successes were achieved in Kakur in North Mad, Rekawaya in South Mad, and Erpanar-Bhatbeda in East Mad, and Kodtamarka in West Maad.
🔹 A fear and violence-free Mad is now not far away. Villagers have hope for freedom from Naxal fear. The dream of a Naxal-free Bastar is becoming a reality.
Further Details:
🔸 Under the guidance of senior officials, effective anti-Naxal operations have been conducted in the Bastar division over the past months. As part of this, the Narayanpur Police have been running the anti-Naxal “Maad Bachao Abhiyan” for the past four months to eradicate Naxalism from Mad.
🔸 On June 30, 2024, based on information about the presence of Maoist cadres including CCM Sonu, CCM Kosa, DVCM Arun, Ranita alias Jaymati, Radhika, Arab, Sukhlal, Company No. 01, and others in the Mad area of Narayanpur district, a joint force was dispatched.
🔸 Information was received about the presence of Naxals in the villages of Jatwar, Hikulnar, Ghamandi, and surrounding areas under the Kutul Area Committee of the Mad Division. To verify this information, on June 30, 2024, a joint force comprising Narayanpur DRG, Dantewada DRG, Jagdalpur DRG, Kondagaon DRG, STF Baghera, ITBP 53rd Battalion, and BSF 135th Battalion was dispatched for the anti-Naxal operation in the villages of Jatwar, Hikulnar, and Ghamandi.
🔸 During the operation, on June 30, 2024, around 5:00 PM, Naxals indiscriminately fired at the security forces in the forests and hills of Hikulnar-Ghamandi with the intention of killing them and looting their weapons.
🔸 The police party took positions and called for surrender, but the Naxals ignored this and intensified their firing. With no other option for self-defense, the security forces returned fire. This led to a continuous encounter with different teams for 48 hours. Seeing themselves surrounded, the Naxals fled into dense forests and hills.
🔸 After the firing ceased, all teams searched their assigned areas and found five male Maoist bodies at different locations along with one .303 rifle, three 315 bore rifles, two muzzle-loading rifles, one BGL launcher, six BGL shells, and a large quantity of explosives and other Naxal daily use items. Bloodstains at the scene indicated that many other Naxals were likely injured or killed in the encounter.
🔸In yet another major success for Narayanpur Police’s anti-Naxal “Maad Bachao Abhiyan” within 15 days and the fifth major success within 60 days. Significant successes were also achieved on April 30 in Kakur-Tekmeta, on May 24 in Rekawaya, on June 8 in Irpanar-Bhatbeda, and on June 15 in Kodtamarka.
🔸 Despite the challenging geographical conditions during the monsoon, the “Maad Bachao Abhiyan” was successfully carried out with courage and bravery by the security forces, making a significant strike against the Maoists.
🔸 For nearly 40 years, Mad has been gripped by Naxal violence and fear, but now the indigenous people and villagers are envisioning a Mad free from violence, fear, and Naxalism. Successful anti-Naxal operations are accelerating development and providing a voice to the tribals and villagers.
🔸 Names and positions of the killed Naxals:
Rakesh, around 35 years old, PLGA Company No. 01 CC Protection Team member, bounty – 8 lakhs.
Konda Togda, around 30-35 years old, PLGA Company No. 01 CC Protection Team member, bounty – 8 lakhs.
Edma Wadde, around 40 years old, PLGA Company No. 01 CC Protection Team member, bounty – 8 lakhs.
Kamlu Wadde, around 40 years old, PLGA Company No. 01 CC Protection Team member, bounty – 8 lakhs.
Farsa Tumda, around 30 years old, PLGA Company No. 01 CC Protection Team member, bounty – 8 lakhs.
🔸 During the anti-Naxal operation, the Maoists attempted to harm the security forces with two IED blasts and ambushes, aiming to kill them. In retaliation, the security forces captured three Naxals, two of whom were injured and hospitalized for treatment. The names of the three Naxals are:
Gorra Wadde, resident of Ghamandi.
Buddhu Kumda, resident of Ghamandi.
Kosa, resident of Ghamandi.
🔸 Deputy Inspector General of Police Kanker, Shri. K.L. Dhruv, and Superintendent of Police Narayanpur, Shri. Prabhat Kumar, stated that after this operation, there is an atmosphere of fear among the Maoists in the Mad Division, which they considered a safe haven. Following this operation, the Maoist leadership is blaming the villagers and their lower cadre. This is the third major strike against the Maoists’ attacking forces in the Mad Division within the last month and a half.
🔸 Our main objective is to protect the indigenous people living in the difficult jungle and challenging geographical conditions from Maoist ideology and to help them move away from extremist principles, ensuring development and peace in the region. We appeal to all indigenous people who have fallen under the wrong influence of external ideologies and Naxal leaders to abandon Naxalism and its ideology, adopt the government’s surrender and rehabilitation policy, join the mainstream of society, and completely renounce and oppose weapons and Naxal ideology.
🔸 Inspector General of Police, Bastar Range, Shri. Sundarraj P., stated that effective actions against the banned and illegal CPI Maoist organization have resulted from better coordination and strategy between local police forces and central paramilitary forces in recent days. In 2024, a total of 136 Maoist bodies have been recovered in various encounters in the Bastar division, with the highest numbers in Bijapur district (51), Kanker (34), and Narayanpur (31).