छत्तीसगढ़

चिरायु टीम द्वारा आंगनबाड़ी व स्कूलों में जाकर बच्चों का किया जा रहा स्वास्थ्य परीक्षण

कोरबा 30 जुलाई 2024/sns/- चिरायु योजना (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम)  छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात हृदय रोग, मोतियाबिन्द, कटे-फटे होठ, टेढ़े-मेड़े हाथ पैर सहित 44 गंभीर बिमारियों के इलाज शासन द्वारा कराया जाता है। योजनांतर्गत समय रहते उपचार हो जाने से मरीज की स्थिती और अधिक नहीं बिगड़ती और साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को इलाज और जॉच में अधिक व्यय नहीं करना पड़ता है।
मुख्य चिकत्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन. केशरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में चिरायु योजना निचले तबके से आने वाले बच्चों के लिए वरदान है। जिन बिमार बच्चों के अभिभावक उनका बेहतर ईलाज नहीं करा पाते हैं उनके लिए यह योजना बेहद कारगर है। आंगनबाड़ी केन्द्रों और हाई स्कूल में अध्ययनरत बच्चों का इस योजना के अंतर्गत निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर गंभीर बिमारियों से ग्रसित होने पर अस्पतालों में निःशुल्क इलाज की सुविधा इस योजना में शामिल है। उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कोरबा जिले में 12 टीमें कार्य कर रही हैं।  जिसमें एक टीम में 02 मेडिकल ऑफिसर, 01 फार्मासिस्ट, 01 ए.एन.एम. तथा एक लैब टेक्नीशियन शामिल  है। इन टीमों के द्वारा जिले के समस्त शासकीय स्कूलों में वर्ष में एक बार व ऑगनबाड़ी में वर्ष में दो बार बालक-बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका उपचार किया जाता है तथा ऐसे बच्चे जिन्हे गंभीर बिमारी होती है उन बच्चो को चिन्हांकन कर उनके उपचार हेतु जिला स्तर पर निजि चिकित्सालय के द्वारा लगाये गए शिविर माध्यम से बच्चे कि बिमारी को सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही चिरायु दिवस में शासकीय अस्पताल में हृदय रोग, जन्मजात विकृति कुपोषण, विकास संबंधी अवरोध, अस्थि रोग, कटे-फटे होठ एवं तालु, प्लास्टिक सर्जरी व अन्य जटिल रोगों का उपचार किया जाता है।
इस कार्यक्रम के तहत जिले में अब तक कुल 36,787 चिन्हांकित बच्चों में से 36,067 बच्चों का उपचार किया गया है। साथ ही सामान्य बीमारियों से ग्रसित बच्चों का भी इलाज कर निःशुल्क दवा दी गई है। चिरायु योजना में न सिर्फ गंभीर बीमारियों का उपचार किया जाता है बल्कि कुपोषण के प्रति जागरूकता फैलाने का भी प्रयास है। कलेक्टर श्री अजीत वसंत एवं सीएमएचओ ने जिले के उपरोक्त बीमारियों से ग्रसित बच्चों के अभिभावकों से ऐसे बच्चों का निःशुल्क जाँच व इलाज हेतु स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर मुफ्त उपचार प्राप्त करने की अपील की है।

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