छत्तीसगढ़

सरकार फिर शुरू करेंगी चरण पादुका और सरस्वती सायकल वितरण योजना,मुख्यमंत्री श्री साय ने आज जगदलपुर में की घोषणा

मुख्यमंत्री ने महतारी वंदन योजना की 6वीं किस्त की राशि 70 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में अंतरित की

गांव गरीब और किसानों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री श्री साय

        रायपुर, 01 अगस्त 2024/ छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही चरण पादुका वितरण योजना और सरस्वती सायकल योजना फिर से शुरू करने वाली है। आज जगदलपुर में कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री आज यहां जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान श्री साय ने रिमोट का बटन दबाकर महतारी वंदन योजना की 6वीं किश्त की राशि 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में भेजी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जगदलपुर विधायक श्री किरण देव की मांग पर जगदलपुर शहर में लम्बे समय से अधूरे पड़े उच्च स्तरीय ऑडिटोरियम का निर्माण पूरा कराने के लिए 1 करोड़ की राशि भी मंजूर की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं से महतारी वंदन योजना की राशि खाते में जमा होने के मेसेज के आने की पुष्टि भी की। 

        कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एंव बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर श्रीमती सफीरा साहू सहित पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक श्री सुभाऊ कश्यप, संभागायुक्त श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुन्दरराज पी., सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस दौरान कलेक्टर विजय दयाराम के. ने बस्तर जिले में चल रहे विकास कार्यो और जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

गरीबों के लिए समर्पित सरकार- मुख्यमंत्री श्री साय

           दन्तेश्वरी माता के जयकारे से शुरू कर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि केन्द्र सरकार की भांति छत्तीसगढ़ की सरकार भी गरीबो के कल्याण, विकास और खुशहाली के लिए समर्पित है। मोदी की गांरटी के तहत गांव गरीब, किसान, महिला, युवा आदिवासी पिछड़े सभी वर्ग के विकास के लिए योजना चलायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने कार्यभार संभालते ही कैबिनट की पहली बैठक में 18 लाख से अधिक आवासहीन परिवारों को पक्का मकान बनाने की स्वीकृति दी थी। तेन्दूपत्ता तोड़ने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए इस बार साढ़े पांच हजार रूपए मानक बोरा की दर से पत्ता खरीदी की गई और पूरे सीजन पत्ता खरीदा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तेन्दूपत्ते को बेचने के बाद होने वाले फायदे को भी बोनस के रूप में संग्राहकों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदने की गारंटी पूरी की है। 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई। मोदी की इस गारंटी के पूरे होने से छत्तीसगढ़ के किसानों को अच्छा फायदा हुआ है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के किसानों को 3716 करोड़ रूपए दो साल के बकाया धान का बोनस के रूप में भी भुगतान कर दिया गया है। 

विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में मोदी सरकार का मिल रहा पूरा सहयोग-

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के मिशन में केन्द्र की मोदी सरकार का भरपूर सहयोग छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहले की राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का राज्यांश जमा नहीं करके 18 लाख गरीब बेघर लोगों को उनके पक्के घर बनाने के सपने को तोड़ दिया था। राज्य में नयी सरकार बनते ही सबसे पहले राज्यांश की व्यवस्था कर पैसा केन्द्र सरकार को दिया गया। अब आने वाले कुछ ही दिनों में आवास योजना के तहत बनने वाले घरों के लिए वर्ष 2023-24 की राशि भी छत्तीसगढ़ को मिल जाएगी। जिससे छत्तीसगढ़ के लगभग 18 लाख लोगों को उनका पक्का घर मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनके पिछले दिल्ली प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ में रेल सड़क परियोजनाओं के विस्तार पर भी केन्द्रीय मंत्रियों से चर्चा हुई है। उन्होंने लम्बे समय से लंबित जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना पर सकारात्मक चर्चा होने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राजधानी रायपुर से बस्तर को जोड़ने वाले एक मात्र राष्ट्रीय राजमार्ग के जीर्णाेद्धार के लिए भी जल्द ही स्वीकृति मिलेगी। इसके साथ ही कवर्धा से सुकमा तक नये राष्ट्रीय राजमार्ग की मांग भी केन्द्र सरकार से की गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पीएम श्री योजना, पीएम जनमन योजना से लेकर राज्य में चलने वाली किसी भी जनकल्याणकारी योजना के लिए पैसे की कमी नहीं होने का आश्वासन भी केन्द्र सरकार के मंत्रियो से मिला है।

  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर एक पेड़ मां के नाम महावृक्षारोपण अभियान संचालित किया जा रहा है।  इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 3 करोड़ 95 लाख से ज्यादा पौधे लगाएं जाएंगे। श्री कश्यप ने इस अभियान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने आज जो पौधा उपस्थित महिलाओं को दिया है, उसका रोपण और देखभाल उनकी जिम्मेदारी है। बस्तर के जंगलों में प्रभु श्रीराम के चरण पड़े हैं, यही कारण है कि बस्तर के जंगलों में एक भी कांटे नहीं हैं, हमारे जंगल हमारी संस्कृति और परंपरा के प्रतीक हैं इसलिए जंगलों को सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जबसे छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय जी की सरकार बनी है, तबसे हर वर्ग के हित में अहम निर्णय लिए जा रहे हैं। हमारी सरकार घोषणापत्र के अनुरूप हर वादे को पूरा कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए महतारी वंदन योजना समेत अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं और इस दिशा में काम हो रहा है।
   जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार चुनाव के पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसमें प्रदेश वासियों की सहभागिता जरूरी है। श्री किरण देव ने कहा कि घर-परिवार, समाज को चलाने वाली माताओं-बहनों की परेशानियों की ंिचंता कर उनकी जरूरतें पूरी करने महतारी वंदन योजना शुरू करना वास्तव में नारी शक्ति का सम्मान है और सरकार इस योजना से मातृशक्ति के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरा करने का प्रयास कर रही है। 

3061 समूह हितग्राहियों को 100 करोड़ का ऋण

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एनआरएलएम के तहत बिहान योजनान्तर्गत संकुल संगठन एवं महिला स्व-सहायता समूहों के 3061 समूह हितग्राही को 100 करोड़ का ऋण वितरण किया गया। नगर पालिक निगम प्रधानमंत्री स्वनिधि योजाना के अन्तर्गत हितग्राहियों को ऋण दिया गया जिसमें प्रथम किस्त में 10 हजार, द्वितीय किस्त 20 हजार, तृतीय किस्त में 50 हजार की राशि देय होगी जिसके तहत तीन लोगों को 80 हजार का चेक वितरण किया गया। कार्यक्रम में उद्योग विभाग द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजनान्तर्गत दर्जी प्रशिक्षण प्राप्त 5 हितग्राहियों को प्रमाण पत्र दिया गया। कलेक्टोरेट कार्यालय द्वारा दिवंगत 13 शासकीय कर्मचारियों के वारिसन को अनुकम्पा नियुक्ति आदेश प्रदान किया गया। पांच मृत वनाधिकार पट्टेधारकों के वरिसानों को नामांतरित किसान पुस्तिका प्रदान की गई।

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