कवर्धा, 13 अगस्त 2024/sns/- कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव, बेमेतरा एवं कवर्धा की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन आज कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत के मुख्य अतिथि पूर्व निदेशक विस्तार सेवाएं, डॉ. एस.एस. टुटेजा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा प्रदेश में अग्रणी कृषि विज्ञान केन्द्र है जो जिले में कृषकों हेतु अच्छा कार्य कर रहे है। डॉ. टुटेजा ने कहा कि कृषि से आय बढ़ाने के लिए समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने की अत्यंत आवश्यक है। ताकि किसानों को सालभर आमदनी के स्त्रोत उपलब्ध हो सके और कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा द्वारा संचालित समन्वित कृषि प्रणाली इकाई की सराहना करते हुए किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने के लिए उत्साहवर्धक किया गया। तदोपरांत निदेशक विस्तार सेवाएं द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव को अपना प्रस्तुती करने के लिए निर्देशित किया गया।
डॉ. गुंजन झा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव ने अपने वार्षिक प्रतिवेदन (2023-24) एवं आगामी कार्ययोजना (2024-25) का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें विभिन्न विषयों पर की गई प्रक्षेत्र प्ररीक्षण एवं अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के प्रस्तुती की। उन्हांने कहा कि आज किसान खाद की कमी महसूस कर रहे है। वैज्ञानिकों के पास जैव उर्वरक के रूप में अच्छा विकल्प है। जिसके उपयोग से किसान खाद की कमी से हो रहे पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते है। कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव के प्रस्तुती उपरांत कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. तोषण ठाकुर द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन (2023-24) एवं आगामी कार्ययोजना (2024-25) का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। अपने प्रस्तुतीकरण में उन्होने कृषक उत्पादक समूह के द्वारा केला से रेशा निष्कासन एवं केला जल द्वारा तैयार किये जा रहे विभिन्न उत्पाद जैसे-बैग, फोल्डर, पर्स, दर्री एवं केला जल से जैविक उर्वरक बनाने की प्रक्रिया एवं उससे होने वाले आय के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के प्रस्तुती उपरांत वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा डॉ. बी.पी. त्रिपाठी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन (2023-24) एवं आगामी कार्ययोजना (2024-25) का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें वर्ष 2024-25 में जिले की मुख्य दलहन, तिलहन, सब्जी एवं फलवर्गीय फसलों में की जा रही विभिन्न प्रक्षेत्र परीक्षण एवं अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनो के परिणाम की प्रस्तुती की गई। कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा द्वारा किसानों के प्रक्षेत्र पर समन्वित कृषि प्रणाली विस्तृत जानकारी प्रदाय किया गया। जिससे जिले के कृषक अधिक से अधिक लाभ ले सके इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा द्वारा प्राकृतिक खेती में किये जा रहे कार्यो की प्रस्तुतीकरण किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के प्रगतिशील कृषक श्रीमति अदिति कश्यप द्वारा वृक्षारोपण के लिए सुझाव दिया एवं श्री नेतराम चंद्रवंशी द्वारा गन्ना-आलू अंतर्वतीय फसल हेतु सुझाव दिया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा प्रगतिशील कृषक श्री खेदूराम बंजारे द्वारा प्राकृतिक खेती बढ़ावा के लिए सुझाव दिया गया। मात्स्यिकी महाविद्यालय, कवर्धा के सहायक प्राध्यापक डॉ. बी. नाईटेंगल देवी द्वारा मात्स्यिकी हेतु कार्ययोजना बनाने के लिए सुझाव दिया गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यअतिथि डॉ. एस. एस. टुटेजा द्वारा तीनो कृषि विज्ञान केन्द्र की आगामी कार्ययोजना हेतु मार्गदर्शन दिया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा, बेमेतरा एवं राजनांदगांव के वैज्ञानिक एवं वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य सहित लगभग 50 लोग उपस्थित थे। इस दौरान डॉ. एस. एस. टुटेजा, निदेशक विस्तार सेवाएं, इं.गां.कृ.वि., रायपुर, विशिष्ट अतिथि डॉ. शिशिर शर्मा, सहायक प्राध्यापक, संत कबीर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कवर्धा, डॉ. बी. नाईटेंगल देवी, सहायक प्राध्यापक, स्व. श्री पुनाराम निषाद मात्स्यिकी महाविद्यालय, कवर्धा, डॉ. डी.पी. पटेल सहायक प्राध्यापक, निदेशक विस्तार सेवाएं, इं.गां.कृ.वि., डॉ. बी.पी. त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, डॉ. गुंजन झा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगावं, श्री तोषण ठाकुर, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा, इंजी. योगेश्वर पटेल, सहायक अभियंता, श्री डी. एस. सिदार, सहायक संचालक, मछली पालन विभाग, श्री सचिन साहू, मत्स्य निरीक्षक, डॉ. मोनिका एवं डॉ. उपेन्द्र, पशुधन उत्पादन विभाग एवं कबीरधाम जिले के वैज्ञानिक सलाहकार समिति के कृषक सदस्य एवं बेमेतरा जिला के प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।