छत्तीसगढ़

राघवेंद्र राव सभा भवन में 29 अगस्त से 5 सितंबर तक हथकरघा वस्त्रों की प्रदर्शनी

बिलासपुर, 29 अगस्त 2024/sns/- छत्तीसगढ़ शासन ग्रामोद्योग विभाग, संचालक ग्रामोद्योग हाथकरघा के सौजन्य से जिला हाथकरघा कार्यालय बिलासपुर के माध्यम से तीजा-पोला के उपलक्ष्य में कोसा एवं कॉटन ऑफ छत्तीसगढ़ हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी सह विक्रय का दिनांक 29 अगस्त से 05 सितंबर 2024 का राघवेन्द्र राव सभा भवन, कम्पनी गार्डन के पास, बिलासपुर (छ.ग.) में आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभांरभ दिनांक 29-08-2024 को दोपहर 1:30 बजे सम्पन्न होगा। छत्तीसगढ़ प्रदेश की हाथकरघा, हस्तशिल्प, कलाकृतियों एवं खादी के उत्कृष्ट उत्पाद का प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जावेगा।
प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हाथकरघा बुनकरों, हस्तशिल्प कारीगर एवं खादी उत्पाद को विपणन हेतु उचित माध्यम उपलब्ध कराना, बुनकरों के बुनाई कला, हस्तशिल्प कला को आम नागरिक तक सीधे पहुंचाना है तथा उपभोक्ता के माध्यम से नित नवीन डिजाईनों के विकास हेतु सुझाव प्राप्त करना। प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय हाथकरघा वस्त्र उत्पाद, हस्तशिल्प कलाकृति तथा खादी वस्त्र को एक ही छत के नीचे आम उपभोक्ता तक सीधे पहुंचना, बुनकरों, हस्तकला के कारीगीर, खादी वस्त्र उत्पादक के लिए नियमित रोजगार के अवसर में वृद्धि करना है। छत्तीसगढ़ में हाथकरघा पर वस्त्र उत्पादन महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। और कई हुनरमंद महिलाये बुनकरी के माध्यम से अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो रही है।
प्रदर्शनी में कोसा एवं सूती उत्पादक क्षेत्र जैसे रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, चन्द्रपुर, छुरी, सिवनी, रामाटोला, लोफन्दी, बिलाईगढ़ एवं सोमाझिटिया के बुनकर समिति/प्रतिनिधि के द्वारा भाग लिया जावेगा। उनके द्वारा आकर्षक कोसा एवं कॉटन वस्त्र जैसे उत्कृष्ट कलात्मक कोसा साडियाँ, कोसा मलमल, कोसा ड्रेस मटेरियल, कोसा सलवार सूट, कोसा बाफ्‌ता, सूती साडियाँ, कॉटन शुटिंग, शर्टिंग, दुपट्टा, बेड-शीट, बेड-कव्हर, पिलो कव्हर, टॉवेल, नेपकीन, गमछा आदि का प्रदर्शन किया जावेगा। प्रदर्शनी के नोडल अधिकरी श्री डोमूदास धकाते, उपसंचालक हाथरकघा बिलासपुर के द्वारा अवगत कराया गया की उक्त प्रदर्शनी दिनांक 29 अगस्त से 05 सितम्बर 2024 तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुली रहेगी। कृपया उक्त प्रदर्शनी में उपस्थित होकर छत्तीसगढ़ प्रदेश की बुनाई कला, हस्तशिल्प एवं खादी वस्त्र उत्पाद का अवलोकन कर बुनकरों को प्रोत्साहित करें।

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