रायपुर, 10 सितम्बर, 2024/sns/- बालोद जिले के डोंडी थाना परिक्षेत्र के घोटिया गांव के रहवासी प्रधानपाठक देवेंद्र कुमेटी ने शिक्षक दिवस के दो दिन पूर्व फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली थी जिससे शिक्षक जगत व उनके जानने वाले आदिवासी समाज मे पीड़ा व आक्रोश का वातावरण निर्मित हो गया था ।
आपको बता दे कि कुछ दिनों पहले आदिवासी समाज के एक प्रतिष्ठित परिवार से आने वाले शिक्षक देवेंद्र कुमार कुमेटी ने आत्महत्या की थी । मृतक शिक्षक ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने पूर्व मंत्री मो अकबर सहित तीन अन्य लोगो को अपनी मौत का जिम्मेवार बताया था !
गौरतलब है कि चारो ओर ऐसी चर्चा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन मे वन विभाग में विभिन्न पदों में नौकरी लगाने के नाम पर
पूरे राज्य मे सैकड़ो बेरोजगार नौजवानों को षड्यंत्र कर छला गया था और अब इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना उन आरोपों को प्रमाणित भी कर रही है ।
देवेन्द्र कुमेटी के आत्महत्या मामले मे बालोद जिले के डौंडी थाने में बीएनएस की धारा 108 के तथत आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप मे मो अकबर के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया । वहीं अन्य लोगो के खिलाफ नौकरी के नाम पर 420 ठगी का भी मामला दर्ज हुआ । मामले में 40 से अधिक लोगो से 3 करोड़ 70 लाख से ज्यादा का ठगी करने की शिकायत मिली है ।
इस प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम कहते है कि कांग्रेस सरकार में हुए भीषण भ्रष्टाचार का असर यह है कि आज भी छत्तीसगढ की जनता पूर्व कांग्रेस शासन मे के किए गए कृत्य से लाचार व पीड़ित है ।
श्री मरकाम ने आगे कहा कि जिन लोगों ने वन विभाग मे फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी देने के नाम पर लोगो से बड़ी-बड़ी रकम ठगी है व प्रपंच किया है उसका सर्वाधिक शिकार आदिवासी समाज के सरलमना लोग हुए है यही कारण है कि हमारे आदिवासी भाई आज फांसी पर झूलकर आत्म हत्या करने को बेबस हो रहे है ।
विदित हो कि कांग्रेस शासन मे फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी मे ढ़ेर सारी धांधली व भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है ! सैकड़ो लोगो का कहना है कि छतीसगढ़ राज्य के अनेक भोले-भाले बेरोजगार व गरीब लोग अनेक लोगो से ब्याज मे कर्जा लेकर या अपना सोना-चांदी के जेवर व खेती किसानी की जमीन बेचकर नौकरी पाने के नाम पर बर्बाद हो गए है और आज आलम यह है आए दिन कोई न कोई अपनी अनमोल जान को गंवा रहा है !
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़े आदिवासी नेता मलेश मरकाम ने कहा है कि पुलिस के जाँच के दौरान आदिवासी समाज के शिक्षक के सुसाइड नोट में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के नाम का उल्लेख होना बताता है कि किस प्रकारआदिवासी समाज के कुछ सरल स्वभाव के लोगों को भ्रष्टाचार व लोभ-लालच की दलदल मे धकेला गया और नौकरी देने के नाम का प्रलोभन देकर उनसे व उनके परिचितों से बड़ी रकम जालसाजी करके वसूली गयी जिसका नतीजा आज इतना भयावह व पीड़ादायक हो रहा है ।
कांग्रेस सरकार पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर पर निशाना साधते हूए आदिवासी नेता विदेशीराम ध्रुवे ने कहा कि कांग्रेस सरकार में पटवारी, शिक्षक, सचिव से लेकर उच्च अधिकारियों पर भीषण दबाव डालकर गलत काम कराए गये थे जिसके परिणाम आज जनता भुगत रही है ।
भाजपा के आदिवासी नेता मंगलू परते का कहना है कि कांग्रेस सरकार में मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक भ्रष्टाचार के अनैतिक खेल मे सम्मिलित थे आज उसी अनैतिकता का सर्वाधिक असर आदिवासी समाज का एक बड़ा तबका भोग रहा है । इन्ही अनैतिक कृत्यों के एक परिणाम के चलते डोंडी के एक सरल सहज आदिवासी समाज के शिक्षक ने बेबस व लाचार होकर आत्महत्या कर लिया और अपने आत्महत्या का जिम्मेवार जिन लोगो को बनाया है उनमे एक नाम पूर्व मंत्री मो अकबर को है ।
उल्लेखनीय है कि पूर्व वन मंत्री मो अकबर ने इस प्रकरण पर कहा कि मै इनमे से किसी को भी नही जानता और मेरा इसमे कोई लेना-देना नही है । बहरहाल पुलिस इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण की सूक्ष्म विवेचना कर रही है ताकि सच को सबके समक्ष रखा जा सके।