छत्तीसगढ़

उल्लास के क्षेत्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के परिधान में प्रतिभागी बने आकर्षण का केन्द्र


दाई ओ दीदी ओ पढ़ना लिखना है जरूरी गीत ने समां बांधा
भोपाल की धरती पर छत्तीसगढ़ महतारी का वंदन

उल्लास की नवाचारी गतिविधियों पर शानदार प्रस्तुति


  • रायपुर l 15 सितंबर l
    भोपाल में आयोजित उल्लास के रीजनल कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों एवं प्रतिभागियों ने हर कार्य में बेहतर प्रदर्शन कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जहां एक और नवाचारी गतिविधियों की बेहतर प्रस्तुति दी गई कठपुतली इत्यादि को संजोकर छत्तीसगढ की प्रदर्शनी लगाई गई शिक्षार्थी व स्वयंसेवी शिक्षक ने चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर उपाय बताएं वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी छत्तीसगढ़ छाया रहा
    भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी , एनसीईआरटी नई दिल्ली की एनसीएल प्रभारी प्रोफेसर उषा शर्मा राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण व राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर श्री राजेंद्र कुमार कटारा के कुशल नेतृत्व में दो दिवसीय उल्लास क्षेत्रीय सम्मेलन रीजनल कॉन्फ्रेंस NITTTR भोपाल में आयोजित किया गया।श्री कटारा ने छत्तीसगढ़ में उल्लास कार्यक्रम की प्रगति से संयुक्त सचिव श्रीमती अवस्थी को अवगत कराया राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण में उल्लास कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पाण्डेय ने उक्त कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के द्वारा छत्तीसगढ़ में उल्लास में किए गए कार्यों एवं बेस्ट प्रैक्टिसेस को बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा उल्लास साक्षरता केन्द्रों की विधिवत शुरुआत 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह व उल्लास मेला में किए जाने , राज्य द्वारा उल्लास न्यूज लेटर व उल्लास पर केन्द्रित ब्रोशर व पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए श्री पांडेय ने 20 मिनट में 70 से अधिक स्लाइड दिखाए प्रस्तुतीकरण में साक्षरता चौक साक्षरता रथ साक्षरता ताली स्थानीय संसाधनों से पढ़ने के नए-नए तरीके यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम चरण में 10 लाख असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है उसमें से 75% नाम उल्लास पोर्टल में दर्ज कर लिया गया है

एससीईआरटी एससीएल प्रकोष्ठ प्रभारी डेकेश्वर प्रसाद वर्मा ने बताया कि उल्लास प्रवेशिका को छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय संदर्भ लोक संस्कृति लोक कला को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य के 16 स्थानीय भाषाओं में उल्लास गीत ऑडियो एवं पुस्तक निर्माण किए गए है ।

छत्तीसगढ़ तथा अन्य प्रदेशों के सेल्फ टीचिंग लर्निंग मटेरियल स्टॉल लगाए गए थे ।छत्तीसगढ़ का स्टॉल आकर्षक रहा ओर सभी अतिथियों ने किए गए कार्यों की सराहना की।
छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह क्षेत्रीय सम्मेलन विशेष रहा है रायपुर की जिला परियोजना अधिकारी डॉ कामिनी बावनकर के संयोजन में छत्तीसगढ़ की टीम ने सेल्फ टीचर लर्निंग मटेरियल को तैयार करके मंच पर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया। जिसकी सभी राज्यों ने प्रशंसा की। संचालक श्री कटारा के अतिथय में सांस्कृतिक संध्या के प्रतिभागियों को अंग वस्त्र एवं पौधा भेंट किया गया ।
भोपाल की धरती पर छत्तीसगढ़ महतारी का वंदन गीत पर शानदार नृत्य निर्जला धीवर , स्वयंसेवी शिक्षक एवं छत्तीसगढ़ के सरगुजा नृत्य हाय रे सरगुजा नाचे… गीत के नृत्य में , हेम धर साहू एवं ग्रुप ने सभी प्रतिभागियों को झूमने पर मजबूर किया.. सांस्कृतिक संध्या में। छत्तीसगढ़ के बैगा संस्कृति व वेशभूषा से बीएड कॉलेज के छात्र अध्यापकों ने सभी को प्रभावित किया छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति के परिधान में साक्षरता के लिए किए गए कार्यों से लोग प्रभावित हुए और क्षेत्रीय सम्मेलन में अमिट छाप छोड़ी।
छत्तीसगढ़ के स्वयंसेवी शिक्षकों , नव साक्षर, शिक्षार्थी ने साक्षर बनाने में आ रही चुनौतियो को बताते हुए.. उल्लास में किए गए कार्यों की सफलता की कहानी बताई
स्वयंसेवी शिक्षकों की नवाचारी गतिविधियां… कठपुतली, “”दीदी ओ दाई ओ पढ़ना लिखना है जरूरी……….” जैसे गीतों के साथ स्वयं सेवी शिक्षकों, नव साक्षर, शिक्षार्थी में आत्मविश्वास बना रहा। शिक्षक तस्कीन खान ने बताया कि वह शिक्षार्थियों को कक्षा में जोड़ने के लिए मुस्लिम होने के बावजूद रामचरितमानस सुनाकर रामायण पढ़ने की ललक जगाकर शिक्षार्थियों को पढ़ने की ओर प्रेरित किया l

अंत में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों को प्रोफेसर उषा शर्मा इंचार्ज सीएनसीएल एनसीईआरटी के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जन जन साक्षर … जय अक्षर का संकल्प लेते हुए छत्तीसगढ़ की टीम ने अपनी उपलब्धियां से दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया। लोगों ने कहा छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया
इस अवसर पर राज्य शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर श्री हरजिंदर सिंह शिक्षा मंत्रालय की सलाहकार सुनीता चौहान श्रीमती बानी बोरा राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के नियंत्रक राकेश दुबे सिद्धांत ज्योति शिक्षक तस्कीन खान, हेम धर साहू, किरण खलको निर्जला धीवर , श्रुति तिवारी, शालिनी , प्रतिमा शिक्षार्थी एवं नव साक्षर सुमंती तिग्गा, धनराजी तिग्गा , श्यामापति… का विशेष योगदान रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *