छत्तीसगढ़

राम परपटिया के हर्राढोडी में शिशु मृत्यु के संबंध में सीएमएचओ ने दी विस्तृत जानकारी, जांच में एस्पिरेशन फीडिंग मिल्क मिला मृत्यु का कारण

अम्बिकापुर 26 सितम्बर 2024/sns/ मैनपाट के ग्राम परपटिया में शिशु मृत्यु के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए सीएमएचओ डॉ पीएस मार्को ने बताया कि उक्त घटना की जानकारी संज्ञान में आते ही चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतेश्वर सिंह के नेतृत्व में सी.एस.सी. स्तरीय स्वास्थ्य जांच टीम संदर्भित स्थल में घर-भ्रमण हेतु भेजी गई जिसमें बीपी.एम, बीईटीओ, सुपरवाइजर, एल.एच.व्ही., स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, आंगनबाड़ी सहयोगी इत्यादि सम्मिलित रहे। निरीक्षण के बाद टीम द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें बालिका नैना मझवार, उम्र 02 माह 09 दिन की मृत्यु 25 सितम्बर 2024 को समय प्रातः 03ः00 बजे घर पर हुई। उन्होंने बताया कि 24 सितम्बर 2024 को माइक्रोप्लान अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्र, हर्राढोडी, ग्राम परपटिया में वैक्सीनेशन कार्यक्रम आरआई टीकाकरण में नैना मझवार को पेन्टा, पीएसवी, आई.पी. व्ही, ओरल पोलियो और ओरल रोटा के प्रथम डोज का टीका लगाया गया। सभी टीका लगने के आधे घण्टे तक नैना मझवार पूर्णतः स्वास्थ्य थी और उसे कोई भी स्वास्थ्यगत परेशानी नहीं होने के कारण सभी टीका लगने के आधे घण्टे पश्चात उसे अपने घर जाने दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि उसी आंगनबाड़ी केन्द्र में 24 सितम्बर मंगलवार को नैना के साथ अन्य 03 बच्चों (कुल 04) को पेन्टो-1. 01 बच्चे को पेन्टा-2, 01 बच्चे को पेन्टा-3, 01 बच्चे को एमआर-1, 01 बच्चे को एम.आर, 2, और 01 बच्चे को डीपीटी-बी.1 लगाया गया था, जिसमें नैना मझवार को छोड़कर शेष सभी बच्चे 24 घण्टे पश्चात स्वास्थ्य और सामान्य हैं। चिकित्सा अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य टीम के साथ शेष सभी बच्चों का निरीक्षण किया गया है।
सीएमएचओ डॉ मार्को ने बताया कि घर भ्रमण में नैना की माँ से पूछताछ करने पर उन्होंने यह बताया कि 25 सितम्बर 2024 के रात 2 बजे तक बच्ची सामान्य थी। रात में बच्ची के रोने पर माँ ने स्वयं लेटे-लेटे अर्द्धनिद्रा में बच्ची को स्तनपान कराया था। लगभग 03 बजे बच्ची के शरीर में कोई शारीरिक हलचल नहीं होने का आभास होने पर उसके मृत हो जाने का ज्ञान हुआ।
चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि बच्ची के नाक में से दुध फंसा/निकलता हुआ स्पष्ट रूप से दिखाई देना उल्लेखित है और प्रोविसनल डाइग्नोसिस में चिकित्सा जांच अधिकारी द्वारा एस्पिरेशन फीडिंग मिल्क अंकित किया गया। एस्पिरेशन फीडिंग मिल्क को साधारण शब्दों में श्वास नली में भोजन के फंसने से समझा जा सकता है। परिजनों की मांग पर बच्ची का पोस्टमार्टम पीएचसी कमलेश्वरपुर में किया गया। जिसमें रिपोर्ट में भी एस्पिरेशन फीडिंग मिल्क बताया गया है।

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