रायगढ़, अक्टूबर 2024/sns/ जल शक्ति अभियान के तहत पूरे देश में कैच द रेन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें जल संरक्षण और वर्षा जल के संचयन की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए जल स्त्रोतों के प्रबंधन और इसमें जन भागीदारी पर फोकस किया जा रहा है। केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत यह कार्यक्रम संचालित है। इसके क्रियान्वयन में रायगढ़ जिले ने प्रदेश के साथ राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पर रहने की उपलब्धि हासिल की है। केंद्र स्तर से जारी रैंकिंग के अनुसार रायगढ़ जिले ने जल संचयन जन भागीदारी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यह उपलब्धि हासिल की है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देश तथा सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में जल शक्ति अभियान के तहत जिले में जल प्रबंधन के उपायों पर काम किया जा रहा है। विभागीय समन्वय से वर्षा जल संचयन के लिए जल स्त्रोतों को सहेजने के प्रयास हो रहे हैं। इसमें जिला पंचायत से मनरेगा, वन विभाग तथा जल संसाधन विभाग की भागीदारी है। जल शक्ति अभियान में जल संरक्षण और रेन वाटर हार्वेस्टिंग, परंपरागत जल स्त्रोतों के उन्नयन, वाटर स्ट्रक्चर्स को रिचार्ज करना, वाटरशेड डेवलपमेंट, जल स्त्रोतों का संवर्धन और वनीकरण के कार्य शामिल है। इसके अंतर्गत चेक डैम, तालाब, वाटर ट्रेंच, वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर्स, प्राकृतिक जल स्त्रोत, सोक पीट, रिचार्ज स्ट्रक्टर्स, गली प्लग, परकोलेशन टैंक, स्टैगर्ड ट्रेंचेस सहित अन्य वाटर शेड के काम सम्मिलित हैं।
जल स्त्रोतों के जियो टैगिंग में प्रदेश में शीर्ष पर है रायगढ़
‘जल शक्ति अभियान-कैच द रेन’ के तहत जल स्त्रोतों का जियो टैगिंग भी किया जा रहा है। जिससे उस जल स्त्रोत की लेटिट्यूड और लॉन्गीट्यूड की जानकारी संधारित रहे। इस कार्य में रायगढ़ जिला पूरे प्रदेश में शीर्ष में चल रहा है। दूसरे पायदान पर धमतरी और तीसरे स्थान पर राजनांदगांव है। वहीं वनीकरण के कार्य में भी रायगढ़ चौथे क्रम पर है।
जल संरक्षण पर जागरूकता फैलाना है उद्देश्य
जल शक्ति मंत्रालय ने वर्षा जल संचयन और अन्य टिकाऊ जल प्रबंधन के उपायों को अपनाने के लिए जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2024 शुरू किया है। जल शक्ति अभियान का यह पांचवां संस्करण है जो ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम पर आधारित है। अभियान का उद्देश्य जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, जल निकायों की जियो-टैगिंग, जल शक्ति केंद्रों की स्थापना, गहन वनीकरण और जागरूकता पैदा करना है।
छोटे जल स्त्रोतों के कायाकल्प पर जोर
इसके अतिरिक्त यह अभियान जल निकायों की गाद निकालने और सफाई करने, छोड़े गए बोर वेलों को पुनर्जीवित करने, जल ग्रहण क्षेत्रों में गहन वनीकरण और छोटी नदियों के कायाकल्प पर जोर दिया जा रहा है। जिलों में जल शक्ति केंद्र की स्थापना और जल संरक्षण प्रोजेक्ट इसका ही हिस्सा है।