राजनांदगांव अक्टूबर 2024/sns/ जिले में संचालित पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को किशोर न्याय अधिनियम तथा मॉडल गाइड लाईन फॉर फॉस्टर केयर प्रावधानों के अनुसार अस्थाई संरक्षण में दिए जाने हेतु फॉस्टर केयर में भारतीय दम्पत्तियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। ऐसे भारतीय दम्पत्ति जो देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थाई रूप से संरक्षण में लेना चाहते है, वह कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास जिला राजनांदगांव से संपर्क कर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने बताया कि फॉस्टर केयर परिवार का बालक को समुचित भोजन, वस्त्र, आश्रय, शिक्षा व उच्च शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण, आवश्यकतानुसार सभी प्रकार की चिकित्सा व उपचार, आयु एवं रूचि अनुसार व्यावसायिक प्रशिक्षण, बालक की विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति, बालक का शोषण, दुव्र्यवहार, हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उसके जैविक परिवार की निजता का सम्मान करने का दायित्व होगा। इसके साथ ही फास्टर केयर मार्गदर्शिका में उल्लेखित सभी दायित्व एवं शर्तों तथा बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई के निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा। आवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात अधिनियम एवं गाईड लाईन के प्रकाश में गृह अध्ययन प्रतिवेदन तथा स्पान्सरशिप एवं फॉस्टर केयर अनुमोदन समिति की अनुशंसा के आधार पर जिले की बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख एवं संरक्षण हेतु बालक, संबंधित दम्पत्ति को फॉस्टर केयर में दिया जा सकेगा।