दुर्ग, नवम्बर 2024/sns/ लोक निर्माण विभाग के सभाकक्ष में 21वीं पशु संगणना की तैयारी के लिये रणनीति बनाने और सशक्त करने के लिये संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन विगत 13 नवम्बर को किया गया। कार्यशाला में कई सत्र आयोजित किये गये। इस अवसर पर डॉ.एस.पी. सिंह उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाये विशेष रूप से उपस्थित थे। राज्य के मास्टर ट्रेनर डॉ. सुधीर पंचभाई के द्वारा विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला में 21वीं पशु संगणना डेटा संग्रह के लिये विकसित मोबाईल एप्लीकेशन का भी शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आगामी पशु संगणना के लिये एक समन्वित और कुशल दृष्टिकोण सुनिश्चित करना है। पशु धन विकास विभाग द्वारा संभाग स्तरीय कार्यशाला में 21वीं पशु संगणनाका संक्षिप्त विवरण दिया और बाद में भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर राष्ट्रीय पशु अनुवाशिकी संसाधन ब्यौरों द्वारा गणना में शामिल की जानी वाली प्रजातियों के नस्ल विवरण पर प्रस्तुति दी गई। नस्ल के पहचान विभिन्न पशुधन क्षेत्र कार्यक्रमों में उपयोग किये जाने वाले सटीक आकरण तैयार करने और सतत विकास लक्ष्यों के राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के लिये महत्वपूर्ण है। भारत सरकार द्वारा 21वीं पशु संगणना के लिये जारी की गई कार्य प्रणाली और दिशा निर्देशों पर विस्तृत सत्र, मोबाईल एप्लीकेशन और डेशबोर्ड साफ्टवेयर पर प्रशिक्षण और प्रश्नों के अलावा चिंताओं के समाधान के लिये एक खुली चर्चा की गई।
उपसंचालक द्वारा पशु संगणना के महत्व और देश की अर्थ व्यवस्था, खाद्य सुरक्षा के लिये पशुधन क्षेत्र का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि पशुधन की गणना सावधानी पूर्वक योजना बनाकर और उसे लागू करने का आहवान किया। इस कार्यशाला के महत्व को बताते हुये कहा कि सटीक और कुशल डेटा संग्रहण के लिये प्राद्योगिकी लाभ उठाने के लिये प्रतिबद्ध है। 21 पशु संगणना की सफलता सुनिश्चित करने के लिये सभी हितकारकों की सामुहिम जिम्मेदारी पर बल दिया गया। संगणना कार्यों के लिये व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कर दिवाल लेखन, ग्राम सभा में बैठक तथा कोटवारों के द्वारा मुनियादी कराकर संगणना कार्य पूर्ण करें तथा घुमन्तु पशु का आवश्यक डाटा संग्रहण किये जाने पर निर्देश दिये गये।