छत्तीसगढ़

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के सेवा, योगदान एवं कार्य महत्वपूर्ण – अध्यक्ष जिला पंचायत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका स्कूल जाने से पहले बच्चों को सीखाती हैं संस्कार और अच्छी आदतें – कलेक्टर

  • आंगनबाड़ी केन्द्र में आने के लिए बच्चों में दिखना चाहिए सुबह का इंतजार और ललक
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सम्मान दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम संपन्न
  • उत्कृष्ट कार्य करने पर सीडीपीओ, परियोजना पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को किया गया सम्मानित
    राजनांदगांव नवम्बर 2024/sns/ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सम्मान दिवस के अवसर पर आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती गीता साहू, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह शामिल हुए। इस अवसर पर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं समय-समय पर सौंपे गए दायित्वों में उत्कृष्ट कार्य करने पर बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में तैयार की गई अनौपचारिक शिक्षण सामग्री का भी प्रदर्शन किया गया।
    अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती गीता साहू ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सम्मान दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सम्मान के पात्र हैं। क्योंकि वे हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि हम अपने क्षेत्र का, अपने गांव का दायित्व निभा रहे हैं। गांव के इतने सारे छोटे बच्चों को संभालना कोई छोटा-मोटा दायित्व नहीं है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहुत बड़ी जिम्मेदारी का कार्य करती है। बच्चों को अच्छे संस्कार के साथ उन्हें अच्छी शिक्षा दे रहे हैं, क्योंकि वे अभी कच्चे मिट्टी के घड़े हैं। वे अभी स्कूल भी नहीं पहुंचे हैं घर से निकलकर सीधे आंगनबाड़ी आते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के हाथ में कुछ कार्य आ जाए तो वह घर और बाहर दोनों को बेहतर ढंग से संभालना अच्छे से जानती हैं। यह क्षमता आप में है कि जिस कार्य को ठान ले तो जरूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला मां, बहू, बेटी के रूप में परिवार को संभाल सकती और दायित्व निभा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यों के साथ अन्य कार्यों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का अच्छा संपर्क रहता है। शासन की छोटी से छोटी सूचनाओं को पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं के लिए वरदान साबित हो रही है कभी वे बड़ी बहन बन जाती है, कभी उनकी मां बन जाती है तो कभी सासू मां बन जाती है। उन्हें गरम भोजन स्नेह से परोसती और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखती है। आंगनबाड़ी में पो_ लईका, पोषण के लिए कार्यक्रम से आपकी एक विशेष छवि बनती है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे समय में भी अपने दायित्व को शत प्रतिशत निभाया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो दायित्व निभाया है वह अतुलनीय है।
    कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र में आने के लिए बच्चों में सुबह का इंतजार और ललक दिखना चाहिए, ये कार्य सिर्फ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका ही कर सकती हैं। बच्चे के चेहरे में मुस्कान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में महिलाएं इस लिए होती है कि उनमें ममत्व का भाव होता है, वे बच्चों को अच्छे से रख सकती हैं। उन्होंने जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुन्दर और उत्कृष्ट बनाने कहा। आंगनबाड़ी केन्द्रों में अच्छी-अच्छी गतिविधियां संचालित करने कहा। अच्छे आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता और सहायिकाओं को दूसरे आंगनबाड़ी केन्द्रों में भ्रमण में ले जाने कहा। जिससे अन्य आंगनबाड़ी केन्द्र को सुन्दर और अच्छा कर सकें। बच्चे गांव के हो या शहर के बच्चों के चेहरे में खुशी झलकनी चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्र में अच्छी गतिविधि और अच्छा माहौल रखने कहा जिससे बच्चे खुश रहें। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोट्ठ लईका पहल अभियान का संचालन बहुत अच्छे से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का जुड़ाव लोगों से होगा तो कार्य तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका गांव के लोगों के साथ सुख-दुख में रहते हैं और बच्चों के पोषण के लिए अच्छी सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा अवसर है कि बच्चों के चेहरे में खुशी लाने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल जाने से पहले बच्चों को संस्कार और अच्छी आदतें सीखाते हैं। कार्यकर्ता और सहायिका बच्चों के मां के बाद की भूमिका निभाती है।
    मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ऐसा विभाग है जो हर परिस्थितियों में कार्य करता है। शासन के निर्देशों का बहुत ही अच्छा क्रियान्वयन विभाग के अमले द्वारा किया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका प्रशासन और शिक्षा की रीढ़ की हड्डी है। सबसे विश्वसनीय होने के कारण निर्वाचन बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को दिया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पूरे गांव के बच्चों की मां के समान है। उनके ऊपर पूरे गांव का विश्वास बना रहता है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन के समय जिले में 3 हजार से अधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए वापस बुलाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने निरंतर सम्मान बनाकर रखने कहा। पोट्ठ लईका पहल कार्यक्रम में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका लगातार आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन और साथ ही बहुत सारी विभागीय योजनाओं का संचालन कर रही है। इसके लिए प्रतिवर्ष 14 नवम्बर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सम्मान दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जो उनके अच्छे कार्य और सेवा के लिए किया जाता है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्र का अच्छे से संचालन हो और बच्चों के लिए जो कार्य हो रहे हैं वह अच्छे से हो। इस अवसर पर सभापति जिला पंचायत श्री अशोक देवांगन, सीडीपीओ, परियोजना पर्यवेक्षक और बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका उपस्थित थी।

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