अगला शिविर 25 नवंबर को चिल्फी में होगा आयोजित
कवर्धा, नवंबर 2024 /sns/ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश तथा कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन पर आज जिले के बोडला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष निशुल्क सोनोग्राफी जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आए सभी प्रकार के मरीजों की जानकारी सीएमएचओ डॉ. बी.एल. राज, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. केशव ध्रुव और बीएमओ डॉ. विवेक चंद्रवंशी ली। शिविर का उद्देश्य दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना था। अगला शिविर 25 नवंबर को चिल्फी में आयोजित किया जाएगा। स्वास्थ्य शिविर में बोडला, पोड़ी, बैजलपुर, राजनवगांव, और तरेगांव जैसे आसपास के गांवों से चिन्हित उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को 102 महतारी वाहन के माध्यम से शिविर तक लाया गया। स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित महिलाओं को शिविर में शामिल कर उनके स्वास्थ्य की व्यापक जांच की गई।
विशेषज्ञों की देखरेख में जांच और उपचार
शिविर में 106 गर्भवती महिलाओं की निशुल्क सोनोग्राफी जांच की गई। इसके अलावा, सभी महिलाओं का सीबीसी, ब्लड प्रेशर, वजन, और स्क्रिनिंग जांच भी की गई। चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश साहू और रेडियोलॉजिस्ट डॉ. वी. गोपाल कृष्णा की देखरेख में यह जांच पूरी की गई। शिविर को सफल बनाने में शिवगोपाल सिंह ठाकुर और विकासखंड की पूरी टीम ने भी विशेष योगदान दिया।
पहले भी आयोजित हुए शिविर
वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पहले भी इस प्रकार के शिविर आयोजित किए गए हैं। 19 जुलाई को झलमला, 7 अक्टूबर को तरेगांव, और 8 अक्टूबर को रेंगखार में शिविरों का आयोजन किया गया। आज बोडला में शिविर आयोजित हुआ, जबकि अगला शिविर 25 नवंबर को चिल्फी में आयोजित किया जाएगा।
गर्भवती माताओं से सीधा संवाद
शिविर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं को समझा। नितेश अग्रवाल ने माताओं से बातचीत कर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया। इस प्रकार के शिविर दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का महत्वपूर्ण माध्यम साबित हो रहे हैं।
महिला और शिशु स्वास्थ्य पर केंद्रित प्रयास
राज्य शासन का यह प्रयास महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। शिविरों के माध्यम से न केवल जटिलताओं का समय रहते पता लगाया जा रहा है, बल्कि महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। वनांचल क्षेत्रों में इस प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराना क्षेत्र की स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने में सहायक है।