रोजगार की तलाश से रोजगार देने तक का अनूठा सफर
आर्थिक सशक्तिकरण की बनी मिसाल
बिलासपुर, दिसंबर 2024/sns/ शासन की कल्याणकारी योजनाओं से आम लोगों का जीवन खुशहाल हो रहा है। शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर दिव्यांग रत्ना के जीवन में खुशहाली आई है, वह न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनी है बल्कि अन्य दिव्यांगों को भी रोजगार देकर उन्हें सशक्त बना रही है। रत्ना ने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उसके जीवन में यह बदलाव सरकार की मदद से आया हैं।
बंधवापारा नूतन चौक पर अपनी सिलाई की दुकान चलाकर रत्ना अपने परिवार की आजीविका चला रही हैं। सिलाई मशीन चलने में ऐसी पारंगत की कहना मुश्किल है कि वे पैरों से 80 प्रतिशत विकलांग है। रत्ना बताती है कि उनके पति भी विकलांग हैं, और घर की आजीविका कमाने वाली वही मुख्य सदस्य है, रत्ना कहती हैं कि जब वे बिलासपुर ब्याह कर आई तो उनके पास कुछ भी नहीं था। न अपना घर और न ही कोई व्यवसाय अपने हुनर की बदौलत और सरकारी मदद से दुकान मिली और लोन दिया गया। जिससे उन्होंने अपने व्यवसाय की शुरुआत की।बुटीक से उन्हें हर माह 25 से 30000 ₹ की कमाई हो जाती है जिससे वो अपने दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रही हैं। बच्चों को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति भी मिलती है। सरकार की ओर से उन्हें पक्का आवास भी दिया गया है जिसमें वो अपना खुशहाल जीवन बिता रही हैं, साथ ही मोटराइज्ड ट्राय सायकल भी मिली है जिससे वो आसानी से आना जाना कर लेती हैं। रत्ना ने बताया कि वह अपने घर पर शाम को स्वीट बॉक्स बनाने का भी काम करती है जिसमें उन्होंने तीन दिव्यांगों को काम दिया है वे कहती हैं कि दिव्यांगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की पहल सराहनीय है। रत्ना खुश होकर बताती हैं कि उन्हें एक और सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है जो है महतारी वंदन योजना, इससे मिली राशि से वह अपनी छोटी छोटी जरूरतों को आसानी से पूरा कर पा रही है।
रत्ना कृतज्ञ भाव से कहती हैं कि सरकार की योजनाओं ने उसके जीवन में बड़ा बदलाव लाया है रत्ना ने प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री का आभार जताया। उल्लेखनीय है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जरूरतमंद परिवारों का जीवन संवर रहा है।