शिविर में 502 लोगों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण, 100 गर्भवती महिलाओं ने कराया निःशुल्क सोनोग्राफी जांच
कवर्धा, दिसंबर 2024/sns/उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश तथा कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन पर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहसपुर लोहारा में पहली बार गर्भवती महिलाओं का निशुल्क सोनोग्राफी जांच और मेगा स्वास्थ कैंप का आयोजन किया गया। शिविर में 502 नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसमें 100 गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क सोनोग्राफी जांच किया गया। इस दौरान शिविर में इसमें स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, मेडिसिन विशेषज्ञ और दंत रोग विशेषज्ञ ने अपनी सेवाएं दी।
शिविर में सोनोग्राफी के अलावा 80 मेडिसिन से संबंधित रोग का इलाज किया गया। 72 आर्थो से संबंधित रोग का इलाज किया गया। सर्जरी से सम्बन्धित 28, बच्चों से संबंधित मरीज 73 की जांच किया गया। शिविर में अन्य बीपी शुगर और अन्य सामान्य ओपीडी में 147 मरीज का इलाज किया गया। शिविर मे उच्च जोखिम मरीज का चिह्नांकित कर पहले से भर्ती करने का सलाह दी गई। शिविर में जिला अस्पताल से मेडिसिन रोग विशेषज्ञ स्त्री रोग विशेषज्ञ रेडियोलॉजी, सर्जरी रोग विशेषज्ञ हड्डी रोग विशेषज्ञ मेडिकल ऑफिसर और विकासखंड से बीएमओ डॉ योगेश साहू , डॉ पुरूषोतम बंधवे और ब्लॉक की समस्त टीम द्वारा जांच की गई।
गर्भवती माताओं से सीधा संवाद
शिविर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं को समझा माताओं से बातचीत कर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया। इस प्रकार के शिविर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का महत्वपूर्ण माध्यम साबित हो रहे हैं।
महिला और शिशु स्वास्थ्य पर केंद्रित प्रयास
राज्य शासन का यह प्रयास महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। शिविरों के माध्यम से न केवल जटिलताओं का समय रहते पता लगाया जा रहा है, बल्कि महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। इस प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराना क्षेत्र की स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने में सहायक है।
पहले भी आयोजित हुए शिविर
वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पहले भी इस प्रकार के शिविर आयोजित किए गए हैं। 19 जुलाई को झलमला, 7 अक्टूबर को तरेगांव और 8 अक्टूबर को रेंगखार में, 24 नवंबर को बोडला में, 25 नवंबर को चिल्फी में शिविरों का आयोजन किया गया।