छत्तीसगढ़

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम, कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता से ग्रामीणों में उत्साह, महतारी वंदन योजना बनी आर्थिक संबल

महतारी वंदन की लाभार्थी महिलाओं ने “मुख्यमंत्री श्री विष्णु की पाती“ पाकर धन्यवाद ज्ञापित किया

कवर्धा, दिसंबर 2024/sns/ छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन और ग्रामीण सशक्तिकरण की नीति के तहत कबीरधाम जिले के वनांचल क्षेत्र में कुकदूर परियोजना ने एक नई पहल की मिसाल पेश की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रही योजनाओं के प्रभाव ने सरकार के जनादेश को मजबूती प्रदान की है। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से दैहानटोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में महतारी वंदन योजना के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों को ’विष्णु पाती’ वितरित की गई, जिसमें योजनाओं की जानकारी के साथ लाभ प्राप्त करने के तरीके भी बताए गए। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं के लिए कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसने क्षेत्रीय महिलाओं के बीच उत्साह और ऊर्जा का संचार किया। आयोजन में 25 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और इसे पर्यवेक्षक दिव्या जायसवाल की देखरेख में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। ग्रामीण महिलाओं ने इस आयोजन को केवल एक खेल के रूप में नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और सशक्तिकरण के एक मंच के रूप में देखा। सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों से जोड़ा गया यह आयोजन कुकदूर परियोजना और महिला बाल विकास विभाग की कार्यकुशलता को दर्शाया गया।

महतारी वंदन योजना ने बढ़ाया आत्मसम्मान

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन के अंतर्गत राज्य की लाखों महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता का आधार मिल रहा है। इस योजना के तहत प्रत्येक महिला को प्रति माह एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनके छोटे-छोटे सपने साकार हो रहे हैं। लाभार्थी महिलाओं ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहती है कि यह योजना केवल आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम में सहायक बन रही है। कोई अपने बच्चों की शिक्षा के लिए यह राशि बचा रही है, तो कोई अपने छोटे व्यापार को बढ़ावा दे रही है। कुछ महिलाएं इसे खेती-बाड़ी के उन्नत तरीकों में निवेश कर रही हैं, तो कुछ ने अपने घरों में छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने का साधन बन रहा है।

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