छत्तीसगढ़

स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकार अभिलेख से गृहस्वामी को मिलेगा मालिकाना हक

– एक सशक्त दस्तावेज है प्रापर्टी कार्ड

– ड्रोन तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण आबादी क्षेत्र में भूमि खण्डों का किया जा रहा सर्वेक्षण

– स्थायी संपत्ति के आधार पर बैंकों से ऋण लेना होगा आसान

राजनांदगांव 18 जनवरी 2025। भारत सरकार द्वारा देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर उन्नत तकनीक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में आबादी भूमि का सर्वेक्षण एवं मापन करने संबधित स्वामित्व योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है। ग्रामोदय से भारत उदय भारत सरकार की सभी नीतियों और कार्यक्रमों में से एक महत्वपूर्ण केन्द्रीय के विषय है। इस ध्येय से भारत सरकार ने ड्रोन तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण आबादी क्षेत्र में भूमि खण्डों के सर्वेक्षण के लिए योजना लागू करने का निर्णय लिया है। स्वामित्व योजना में गांवों में बसे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में रहने वाले गांव के गृहस्वामियों को अधिकार अभिलेख उपलब्ध कराया जा रहा है, जो उन्हे बैंकों से ऋण लेने और अन्य वित्तीय लाभों के लिए अपनी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने मे सक्षम बनाएगा। स्वामित्व योजना व्यक्तिगत ग्रामीण संपत्ति के सीमांकन के अलावा अन्य ग्राम पंचायत और सामुदायिक संपत्ति जैसे-गांव की सड़कें, तालाब, नहरें, खुले या रिक्त स्थान, स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य उप-केन्द्र एवं अन्य स्थलों का भी सर्वेक्षण कर रिकार्ड और मानचित्र तैयार किया जा रहा है। जिसका उपयोग बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने के लिए भी किया जा सकता है। 

स्वामित्व योजना की आवश्यकता-
बंदोबस्त और अधिकार अभिलेख के लिए भारत में ग्रामीण भूमि का सर्वेक्षण लगभग 70 साल पहले पूरा हो गया था और इसके अलावा, कई राज्यों में गांवों के आबादी क्षेत्र का सर्वेक्षण व मानचित्रण नहीं किया गया था, इसलिए एक कानूनी दस्तावेज के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्वामी बैकों या अन्य वित्तीय संस्था से ऋण और अन्य वित्तीय सहायता प्राप्त करने में असमर्थ थे। स्वामित्व योजना के तहत तैयार किए गये अधिकार अभिलेख द्वारा अब इस कार्य मे कोई बाधा नहीं आएगी।
स्वामित्व योजना के लाभ-
ग्रामीण आबादी स्थित स्थायी संपत्ति के आधार पर बैंकों से ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने हेतु सक्षम बनाएगी। संपत्ति और कर-संग्रहण रजिस्टर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की अवसंरचना के योजनाबद्ध विकास और मांग आकलन की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाएगी। संपत्ति का स्पष्ट मानचित्रण, राजस्व रिकार्ड का निर्माण हो पायेगा। सटीक मानचित्रणों से सीमा मुद्दों को जल्दी सुलझाया जा सकेगा।
स्वामित्व योजना अंतर्गत राजनांदगांव जिले की उपलब्धि-
राजनांदगांव जिले में रिकार्डेड आबादी ग्राम की संख्या 656 है। जिसमें से 654 ग्राम में ड्रोन फ्लाई हो चुका है। ड्रोन फ्लाई पूर्ण हुए ग्रामों मे लगभग 80042 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख वितरण किये जाने हेतु चिन्हांकित किया गया है। जिले में स्वामित्व योजना अंतर्गत अधिकार अभिलेख वितरण के शुभारंभ के अवसर पर जिले मेें छुरिया तहसील के 6 एवं कुमरदा तहसील के 4 ग्रामों में कुल 548 हितग्राहियों को जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर पर अधिकार अभिलेख वितरण किया गया।
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