छत्तीसगढ़

अंबिकापुर जिला सहकारी बैंक में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता उजागर

दो बर्खास्त, चार निलंबित, कई कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज

रायपुर, 06 फरवरी 2025/ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित अंबिकापुर में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस घोटाले में कई बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर होने के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। बैंक के प्राधिकृत अधिकारी श्री विलास भोसकर ने संलिप्त कर्मचारियों को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है।

नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुर द्वारा 09 जनवरी 2025 से 30 जनवरी 2025 तक बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। 29 जनवरी को कलेक्टर एवं प्राधिकृत अधिकारी (बोर्ड) की बैठक में बैंक की वित्तीय स्थिति पर गंभीर चर्चा हुई। नाबार्ड अधिकारियों ने शाखा शंकरगढ़ और कुसमी में वित्तीय अनियमितताओं की संभावना जताई और इनकी विस्तृत जांच का सुझाव दिया।

बैंक के समवर्ती ऑडिटर द्वारा की गई जांच में सामने आया कि कुछ संदिग्ध खातों में 13 करोड़ रूपए से अधिक की वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं। इसमें कर्मचारियों की मिलीभगत पाई गई, जिसके बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए बैंक के कुछ मौजूदा कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए।

इस मामले में अशोक कुमार सोनी (सहायक मुख्य पर्यवेक्षक, प्रभारी शाखा प्रबंधक, शंकरगढ़), जगदीश प्रसाद (सहायक लेखापाल, प्रभारी शाखा प्रबंधक, कुसमी), समल साय (सेवानिवृत्त सहायक मुख्य पर्यवेक्षक, निवासी भगवतपुर, कुसमी), प्रकाश सिंह (कंप्यूटर ऑपरेटर, शाखा कुसमी) को निलंबित किए जाने के साथ ही इसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।

इसके अलावा, सरगुजा संभाग की छह अन्य शाखाओं में भी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। कलेक्टर एवं प्राधिकृत अधिकारी ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए सहकारिता सचिव, छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखा है।

रामानुजगंज शाखा के अंतर्गत केसीसी खातों से गबन के मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक शंकर राम भगत, कंप्यूटर ऑपरेटर पंकज विश्वास, संस्था प्रबंधक विजय उईके, तथा लिपिक राजेश कुमार पाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और एफआईआर दर्ज कराई गई। राजपुर शाखा के अंतर्गत फर्जी तरीके से धनराशि समायोजन का मामला सामने आया, जिसमें तत्कालीन शाखा प्रबंधक एस.एन. जोशी को निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जबकि समिति प्रबंधक मनोज शर्मा (सेवानिवृत्त) पर भी कार्रवाई की गई। प्रेमनगर शाखा के अंतर्गत एफडी और बचत खातों की राशि में गड़बड़ी करने पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक राजेश मिश्रा और लिपिक दीपक सोनी पर कार्रवाई की गई। भैयाथान शाखा में किसानों को गलत तरीके से ऋण प्रदान कर गबन किया गया, जिसके चलते अजीत सिंह (सहायक मुख्य पर्यवेक्षक) के विरुद्ध विभागीय जांच जारी है।

इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने राज्य स्तरीय टीम गठित कर विस्तृत जांच कराने का निर्णय लिया है। साथ ही, आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो से भी मामले की जांच कराने के लिए सहकारिता सचिव को पत्र लिखा गया है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई के साथ ही उनकी सेवाएं समाप्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी।

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