छत्तीसगढ़

तीन नाबालिगों की शादी रोकी गई, परिजनों को दी समझाईश

बलौदाबाजार, फ़रवरी 2025/sns/ नाबालिग बच्चों की शादी कराए जाने क़ी सूचना पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए शादी रुकवाई गई। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी टी. जाटवर के मार्गदर्शन में तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश दास के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम गठित की गई। इस टीम में जिला बाल संरक्षण इकाई, एकीकृत बाल विकास परियोजना पलारी और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल थे। टीम ने पलारी विकासखंड के ग्राम ओडान, मुडपार और कोसमंदी में जाकर तीन नाबालिग बच्चों की शादी रुकवाई।

ग्राम ओडान में 19 वर्षीय लड़के का विवाह होने वाला था, जिसे समय रहते रोका गया। मुडपार गांव में 20 वर्षीय नाबालिग लड़के की शादी हो रही थी, जिसे प्रशासन ने रोक दिया। वही तीसरा मामला ग्राम कोसमंदी का था, जहां एक लड़की की उम्र 17 वर्ष 9 माह पाई गई, जो वैधानिक विवाह की न्यूनतम उम्र से कम थी।

परिजनों को दी गई समझाईश-
महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने सभी नाबालिग बच्चों और उनके माता-पिता को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में बताया। टीम ने उन्हें समझाया कि लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष की उम्र से पहले विवाह कानूनी रूप से अपराध है जो बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। स्थानीय लोगों की उपस्थिति में माता-पिता को घोषणा पत्र और राजीनामा पत्र पर हस्ताक्षर कराए गए जिसमें उन्होंने नाबालिग उम्र में विवाह न कराने का वचन दिया।
इस कार्रवाई में संरक्षण अधिकारी दीपक राय, सामाजिक कार्यकर्ता शाहनवाज, आउटरीच वर्कर प्रभा जांगड़े, सुपरवाईजर स्वाति जायसवाल, चाइल्ड हेल्पलाइन से मीरा साहू और थाना पलारी की पुलिस टीम शामिल रही।

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