छत्तीसगढ़

दिग्विजय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाई अपनी पहचान – विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह

– विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव एवं पदक वितरण समारोह में हुए शामिल

– महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उच्चतम अंक प्राप्त करने पर प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर किया गया सम्मानित

राजनांदगांव 01 मार्च 2025। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजनांदगांव जिले के शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव एवं पदक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उच्चतम अंक प्राप्त करने पर प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने उन्होंने दिग्विजय महाविद्यालय के बालक-बालिका छात्रावास के पूरे  सेटअप को इस बजट में स्वीकृत करने की बात कही। राजनांदगांव में नालंदा परिसर की तर्ज पर 11 करोड़ रूपए की लागत से लाईब्रेरी स्थापित की जाएगी। इसको बजट में प्रावधान किया जाएगा। उसके बाद स्वीकृत किया जाएगा। नालंदा परिसर में यूपीएससी, पीएससी और दूसरे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत बेहतर लायब्रेरी, परिसर और 24 घंटे पढ़ाई के लिए परिसर खुला रहेगा। यहां सभी प्रकार की पुस्तके उपलब्ध रहेंगी। इस लायब्रेरी में यूपीएससी, पीएससी और दूसरे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तके उपलब्ध रहेंगी। इस परिसर में विद्यार्थी दिन और रात में पढ़ाई कर सकते हैं। प्रयास का केन्द्र जहां पीईटी, पीएमटी के विद्यार्थियों के लिए रहकर तैयारी करते हैं। इसके लिए 100 सीट को बढ़ाकर 400 सीट आवासीय परिसर राजनांदगांव को मिलेगा। जिसमें आने वाली युवा पीढ़ी और गरीब एवं जरूरत मंद परिवारों के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बने और यहां उन्हें बेहतर लाभ मिले इसके लिए भी स्वीकृति दी जाएगी। 
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुझे गर्व है दिग्विजय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर में भी अपनी पहचान बनाने में सफल हुए है। इसके लिए उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को वर्ष 2022 से क्रियान्वयन करने का कार्य दिग्विजय महाविद्यालय ने किया है। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं या रोजगार मूलक कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए मदद करता है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय महाविद्यालय की पृष्ठभूमि पूरे छत्तीसगढ़ में अलग पहचान बनाती है। सरोवर के पास होने के कारण दिग्विजय महाविद्यालय का परिसर बहुत शानदार है। इस महाविद्यालय में साढ़े 5 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। यहां के विद्यार्थी पीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे बढ़ रहे हैं। इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता है। महाविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जा रहा है, यह सराहनीय है। 
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने महंत राजा दिग्विजय दास को याद करते हुए कहा कि वे कल्पनाशील और विवेकशील थे। जिन्होंने खेल और शिक्षा में अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने बताया कि महंत राजा दिग्विजय दास स्वयं हॉकी के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। इसलिए छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव हॉकी की नर्सरी है। डॉ. सिंह ने कहा कि महंत राजा दिग्विजय दास विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण किए। वे शिक्षा के प्रति जागरूक थे। उनकी कल्पना थी कि राजनांदगांव के बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। इसके लिए राजा दिग्विजय दास ने अपना पूरा राजमहल का परिसर को शिक्षा के लिए दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा के प्रसार में उनका योगदान निश्चित रूप से सदियों तक याद किया जाएगा। इस महाविद्यालय से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययन कर निकल रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दिग्विजय महाविद्यालय एक गौरवशाली महाविद्यालय है। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, गजानन माधव मुक्तिबोध, पंडित किशोरी लाल शुक्ल जैसे अद्भुत विद्यावान व्यक्ति जो मानस के मर्मज्ञ थे। ऐसे व्यक्तियों ने इस परिसर में रहकर शिक्षा प्रदान की और इस क्षेत्र को पवित्र किया। यह महाविद्यालय परिसर प्रेरणादायी है। 
सांसद श्री संतोष पाण्डेय ने कहा कि महाविद्यालयों में छात्राओं की संख्या अधिक देखने को मिलती है और प्रावीण्य सूची में भी छात्राएं अपना स्थान बना रही है, यह बहुत खुशी की बात है। अच्छी प्रतिभाएं शहर ही नहीं गांवों से भी निकल कर आ रही है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में भारत विद्या अध्ययन का केन्द्र था। विदेशों से अवध, कौशांबी, नालंदा, तक्षशिला में विद्यार्थी विद्या अध्ययन के लिए आते थे और भारत विश्वगुरू कहलाता था। आज फिर से भारत का डंका पूरे विश्व में बजने लगा  है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास के लिए विभिन्न परिवर्तन किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोजगारोन्मुखी शिक्षा, आत्मनिर्भर भारत के लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ही देश का भविष्य हैं। विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के माध्यम से देश का नाम रौशन करेंगे। सांसद ने सभी विद्यार्थियों को परीक्षा एवं आने वाले भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि महाविद्यालय देश एवं प्रदेश में और अधिक ख्याति प्राप्त करें। 
नवनिर्वाचित महापौर श्री मधुसूदन यादव ने कहा कि शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर  महाविद्यालय राजनांदगांव देश में 28 वें स्थान पर है और प्रदेश में सबसे प्रगतिरत विद्यालयों में पहले स्थान पर है, यह उपलब्धि राजनांदगांव जिले के लिए बहुत ही गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति लागू हो गई है। नई शिक्षा नीति देश की शिक्षा और विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा विद्यार्थियों के सुविधा के लिए महाविद्यालय को हर संभव सहायता की जाएगी। इस अवसर पर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री अतुल रायजादा ने भी महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव एवं पदक वितरण समारोह में अपना उद्बोधन दिया। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय स्वशासी महाविद्यालय राजनांदगांव के प्राचार्य डॉ. सुचित्रा गुप्ता ने महाविद्यालय की प्रगति पर प्रकाश डाला। समारोह में अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक श्री सचिन बघेल, श्री खूबचंद पारख, श्री कोमल सिंह राजपूत, श्री संतोष अग्रवाल, श्री राजेन्द्र गोलछा, श्री राधेश्याम गुप्ता, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य स्थानीय वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, और महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

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