छत्तीसगढ़

वयोमित्र एप, डीपीडीएमआईएस टीयर-4 तथा पैलिएटिव केयर का प्रशिक्षण संपन्न


अंबिकापुर मार्च 2025/sns/ डीपीडीएमआईएस टायर-4 एवं राष्ट्रीय कार्यक्रम वयोमित्र तथा पैलिएटिव केयर का दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन  प्रतीक्षा बस स्टैण्ड के पास रिंग रोड स्थित होटल आदित्य ज्योति में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के जनोपयोगी योजनाओं के सक्रिय व सफल संचालन को सुगम बनाने के उद्देश्य से संचालनालय आयुष के निर्देशानुसार एवं जिला आयुष अधिकारी सरगुजा डॉ शशिबाला जायसवाल एवं सूरजपुर डॉ अबुल फैज के तत्वाधान में किया गया। प्रशिक्षण का शुभारम्भ भगवान धनवंतरि के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया। प्रशिक्षण में आयुष विभाग सरगुजा, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिला के चिकित्सा अधिकारी एवं फार्मासिस्ट शामिल हुए।

    1 मार्च को डीपीडीएमआईएस टीयर-4 पर डॉ शिवशंकर पाठक, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया ।डीपीडीएमआईएस टियर-4 के माध्यम से ओपीडी स्तर पर औषधियों के वितरण का ऑनलाइन रिकार्ड संधारित किया जाएगा। इसके फलस्वरूप औषधि मांग पत्र व सप्लाई अधिक तार्किक वे सुनियोजित होगा। 4 मार्च  को वियोमित्र एवं पैलिएटिव केयर का प्रशिक्षण दिया गया। वयोमित्र राष्ट्रीय कार्यक्रम 60 वर्ष एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से केंद्रित है। वयोमित्र एप में मिनी मेंटल स्टेटस एग्जामिनेशन के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल वैज्ञानिक ढंग से की जा सकेगी। डॉ सुनील मंदिलवार, डॉ यूके साहू, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, डॉ उमेश बालानी, होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी ने वयोमित्र का प्रशिक्षण दिया। पैलिएटिव केयर का प्रशिक्षण डॉ डी के जायसवाल विशेषज्ञ चिकित्सक एवं डॉ कुलदीप द्विवेदी, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के द्वारा दिया गया। डॉ आशुतोष सिंह, विशेषज्ञ चिकित्सक ने प्रशिक्षण में विशेष योगदान दिया।
      जिला आयुष अधिकारी डॉ शशिबाला जायसवाल ने बताया कि विभाग में प्रत्येक गुरुवार को सियान जतन क्लीनिक का आयोजन होता है। वयोमित्र उसका व्यापक रूप है। वयोमित्र में एक ऐप के माध्यम से रोगियों का रिकार्ड आदि आदि वैज्ञानिक व व्यवस्थित ढंग से रखा जाएगा। इस एप का सफल संचालन के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। वयोमित्र आधुनिक चिकित्सा शास्त्र के जेरियाट्रिक में किए जाने वाले प्रयासों के साथ-साथ वृद्धजनों को आहार विहार आदि के माध्यम से कैसे स्वस्थ व दीर्घायु रखा जाए।

      जिला आयुष अधिकारी ने पैलिएटिव केयर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रशामक देखभाल एक ऐसा दृष्टिकोण है जो जीवन घातक बीमारी से जुड़ी समस्याओं का सामना करने बाले रोगियों और उनके रिश्तेदारों के दर्द और अन्य समस्याओं शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक की प्रारंभिक पहचान और त्रुटिहीन मूल्यांकन कर और उपचार के द्वारा कष्ट की रोकथाम और राहत के माध्यम सेजीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। आज की बदलती जीवनशैली के साथ, गैर-संचारी रोग (एन सी डी) अधिक आम होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा जरूरत विकासशील देशों में है, जहाँ दो तिहाई लोग प्रशामक देखभाल की जरूरत वाले रहते हैं, लेकिन पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ पूरे भारत में आयुष प्रशामक देखभाल की अत्यधिक आवश्यकता है।

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