बिलासपुर मार्च 2025/sns/विकासखंड तखतपुर के ग्राम भरनी में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता दीदियों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यशाला में समूह की 11 दीदियों ने भाग लिया। दीदियों को कचरा प्रबंधन के संबंध में विस्तार से संपूर्ण जानकारी दी गई। अपने आस-पास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखने का जिम्मा ली जय माँ लक्ष्मी स्व सहायता समूह की स्वच्छता दीदीयों के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वछता प्रशिक्षण का आयोजन जिला पंचायत द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में कचरा प्रबंधन की मुख्य प्रक्रिया कचरा पृथक्करण के विषय मे पहले विस्तार से समझाया गया। इसके पश्चात कितने प्रकार से कचरा पृथक करना है उसकी जानकारी दी गई। केंद्र में व्यवहारिक प्रशिक्षण समूह की दीदीयों द्वारा दिया गया जिसे स्वच्छता समूह की दीदीयों ने ध्यान पूर्वक सुना, समझा और सबसे पहले अपने ग्राम पंचायत को स्वच्छ करने का संकल्प लिया। प्रशिक्षण में जिला पंचायत से श्रीमती करुणा, जसवंत जांगङे, जनपद पंचायत तखतपुर, सरपंच भरनी और समूह की 11 दीदीयों ने प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण देने के लिए पर्यावरण संरक्षण गतिविधि से प्रांत संयोजक अक्षय जी और राजेश जी उपस्थित रहे।
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संशोधित समाचार
*सतत विकास लक्ष्य पर नीति आयोग की संभागीय कार्यशाला*
*सतत विकास का लक्ष्य अंतिम छोर तक के व्यक्ति का विकास-संभागायुक्त*
बिलासपुर, 12 मार्च 2025/सतत विकास लक्ष्य पर संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज प्रार्थना सभाभवन के सभाकक्ष में किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने कहा कि सतत विकास का उददेश्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए सामाजिक और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना है। राज्य नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्य के जिलों में बेहतर क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग में सुविधा हेतु एसडीजी डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क में सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय एवं अन्य पहलुओं संबंधी कुल 82 इंडिकेटर का समावेश किया गया है। कार्यशाला में राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के सुब्रमण्यम, नीति आयोग के सदस्य सचिव डॉ.नीतू गोर्डिया, जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री संदीप अग्रवाल सहित संभाग के सभी जिलों के अधिकारी मौजूद थे।
श्री कावरे ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2015 में 17 सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए थे, जिन्हें 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उददेश्य विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए, इस पर विचार विमर्श करना था। रैकिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ को 69 अंक हासिल हुए हैं। संभाग में मुंगेली, रायगढ़ और सारंगढ़ को सबसे ज्यादा 70 अंक हासिल हुए हैं। बिलासपुर को 69 अंक मिले हैं। इन इंडिकेटर्स अंतर्गत जिलों द्वारा प्राप्त प्रगति का डाटा समाहित कर प्रतिवर्ष प्रगति रिपोर्ट भी जारी की जाती है। इन एसडीजी रिपोर्टस के आधार पर कलेक्टर और विभाग विभिन्न सतत विकास लक्ष्यों के प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर रहे हैं।
जिलों की प्रगति को आईटी टूल एसडीजी डैशबोर्ड के माध्यम से प्रभावी रूप से दर्शाया गया है। साथ ही जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय एसडीजी टीम द्वारा प्रगति की समीक्षा की जा रही है। यह फ्रेमवर्क और रिपोर्ट संबंधित विभाग के अधिकारियों को विकास की बाधाओं की पहचान कर समाधान चिन्हित करने, संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग एवं आंकड़े आधारित साक्ष्य के आधार पर रणनितियों और कार्यक्रम को लागू करने में मददगार साबित हो रही है। राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क है जो कि वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों को जिलों में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक है। एसडीजी फ्रेमवर्क को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन एवं सभी विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से मॉनिटरिंग तथा सतत विकास लक्ष्यों अनुसार प्रगति प्राप्त की जाएगी।
राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के सुब्रमण्यम ने एसडीजी के विभिन्न आयामों को सरल और प्रभावी ढंग से बताया । उन्होंने गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता और आर्थिक विकास जैसे प्रमुख विषयों पर प्रकाश डाला। सीईओ जिला पंचायत श्री अग्रवाल ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य के लिए आयोजित इस कार्यशाला में हमे कैसे नीतियां बनाना है, कैसे क्रियान्वयन करना है। इस पर चर्चा करेंगे। सतत विकास के मायने है कि वर्तमान की जरूरतों के साथ लक्ष्यों को पाने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना कि आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताएं भी पूरी हो सके।