छत्तीसगढ़

सतत विकास लक्ष्य पर नीति आयोग की संभागीय कार्यशाला

*सतत विकास का लक्ष्य अंतिम छोर तक के व्यक्ति का विकास-संभागायुक्त*

बिलासपुर मार्च 2025/sns/सतत विकास लक्ष्य पर संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज प्रार्थना सभाभवन के सभाकक्ष में किया गया।  कार्यशाला को संबोधित करते हुए संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने कहा कि  सतत विकास का उददेश्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए सामाजिक और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना है। राज्य नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्य के जिलों में बेहतर क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग में सुविधा हेतु एसडीजी डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क में सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय एवं अन्य पहलुओं संबंधी कुल 82 इंडिकेटर का समावेश किया गया है। कार्यशाला में राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के सुब्रमण्यम, नीति आयोग के सदस्य सचिव डॉ.नीतू गोर्डिया, जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री संदीप अग्रवाल सहित संभाग के सभी जिलों के अधिकारी मौजूद थे। 

    श्री कावरे ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2015 में 17 सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए थे, जिन्हें 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उददेश्य विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए, इस पर विचार विमर्श करना था। रैकिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ को 69 अंक हासिल हुए हैं। संभाग में मुंगेली, रायगढ़ और सारंगढ़ को सबसे ज्यादा 70 अंक हासिल हुए हैं। बिलासपुर को 69 अंक मिले हैं। इन इंडिकेटर्स अंतर्गत जिलों द्वारा प्राप्त प्रगति का डाटा समाहित कर प्रतिवर्ष प्रगति रिपोर्ट भी जारी की जाती है। इन एसडीजी रिपोर्टस के आधार पर कलेक्टर और विभाग विभिन्न सतत विकास लक्ष्यों के प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर रहे हैं। 

    जिलों की प्रगति को आईटी टूल एसडीजी डैशबोर्ड के माध्यम से प्रभावी रूप से दर्शाया गया है। साथ ही जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय एसडीजी टीम द्वारा प्रगति की समीक्षा की जा रही है। यह फ्रेमवर्क और रिपोर्ट संबंधित विभाग के अधिकारियों को विकास की बाधाओं की पहचान कर समाधान चिन्हित करने, संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग एवं आंकड़े आधारित साक्ष्य के आधार पर रणनितियों और कार्यक्रम को लागू करने में मददगार साबित हो रही है।  राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क है जो कि वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों को जिलों में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक है। एसडीजी फ्रेमवर्क को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन एवं सभी विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से मॉनिटरिंग तथा सतत विकास लक्ष्यों अनुसार प्रगति प्राप्त की जाएगी। 

     राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के सुब्रमण्यम ने एसडीजी के विभिन्न आयामों को सरल और प्रभावी ढंग से बताया । उन्होंने गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता और आर्थिक विकास जैसे प्रमुख विषयों पर प्रकाश डाला। सीईओ जिला पंचायत श्री अग्रवाल ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य के लिए आयोजित इस कार्यशाला में हमे कैसे नीतियां बनाना है, कैसे क्रियान्वयन करना है। इस पर चर्चा करेंगे। सतत विकास के मायने है कि वर्तमान की जरूरतों के साथ लक्ष्यों को पाने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना कि आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताएं भी पूरी हो सके।

रचना/62/389

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समाचार

*सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेण्डेन्स अनिवार्य*

*कलेक्टर ने 15 दिवस में लगाने दिए निर्देश*

बिलासपुर, 12 मार्च 2025/विलम्ब से दफ्तर आने वाले सरकारी कर्मचारियों की अब खैर नहीं होगी। बायोमेट्रिक अटेन्डेन्स के आधार पर उनका अगले महीने से वेतन निकाला जायेगा। कलेक्टर अवनीश शरण ने अधिकारी-कर्मचारियों की लेटलतीफी से आम जनता को हो रही परेशानी को गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। मशीन लगाने के लिए 15 दिवस की मोहलत प्रदान की है। अप्रैल महीने का वेतन हर हाल में बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही ड्रा किया जायेगा। कलेक्टर ने जिले के सभी विभाग प्रमुख, अतिरिक्त कलेक्टर, जिला कार्यालय एवं सभी प्रभारी अधिकारियों को आज इस आशय कड़े पत्र जारी किये हैं। जिसके अनुसार प्रायः यह देखा जा रहा है कि शासन द्वारा निर्धारित कार्यालयीन समय पर अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि आपका स्वयं एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रति कोई नियंत्रण नहीं है। इससे जहां एक ओर शासकीय कार्य का त्वरित निपटारा नहीं हो पाता है वहीं आम जनता को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति अत्यंत खेदजनक एवं चिंताजनक है। कलेक्टर ने कहा है कि बायोमेट्रिक व्यवस्था का वे स्वयं आकस्मिक निरीक्षण करेंगे।

पटेल/63/390

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*होलिका दहन एवं होली पर्व के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने तैनात रहेंगे अफसर*  

बिलासपुर, 12 मार्च 2025/होलिका दहन एवं होली पर्व के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिकोण से तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी की ड्यूटी विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगाई गई है। कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार श्री मुकेश देवांगन को सिविल लाईन एवं पुलिस कंट्रोल रूम, अतिरिक्त तहसीलदार श्री लखेश्वर प्रसाद किरण को तारबाहर थाना क्षेत्र, अतिरिक्त तहसीलदार श्रीमती गरिमा ठाकुर सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र, नायब तहसीलदार सुश्री नेहा विश्वकर्मा सिरगिट्टी थाना क्षेत्र, नायब तहसीलदार श्री राहुल शर्मा सरकंडा थाना क्षेत्र, नायब तहसीलदार श्री विभोर यादव तोरवा थाना क्षेत्र एव नायब तहसीलदार श्री राहुल साहू को कोनी थाना क्षेत्र के लिए तैनात किया गया है।

रचना/65/392

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*जिला कार्यालय में लेखन सामग्री क्रय करने हेतु निविदा 26 मार्च तक आमंत्रित*  

बिलासपुर, 12 मार्च 2025/कलेक्टर कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2025-26 में कार्यालय उपयोग संबंधी लेखन सामग्री स्थानीय बाजार से क्रय करने हेतु विक्रेताओं से मोहरबंद निविदा 26 मार्च 2025 को दोपहर 3ः00 बजे तक आमंत्रित की गई है। निविदा से संबंधित विस्तृत जानकारी कलेक्टर कार्यालय लेखन सामग्री शाखा में कार्यालयीन समय में प्राप्त की जा सकती है। 

रचना/66/393

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*कलेक्टर ने सरकण्डा खेल परिसर का किया निरीक्षण* 

*चिल्ड्रन स्वीमिंग पूल सहित अन्य कामों को जल्द पूरा करने दिए निर्देश*

बिलासपुर, 12 मार्च 2025/कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज सरकंडा स्थित खेल परिसर में बच्चों के लिए बनाए जा रहे स्वीमिंग पुल सहित अन्य कामों का निरीक्षण किया। निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार भी इस दौरान उनके साथ थे। उन्होंने मौके पर चिल्ड्रन स्वीमिंग पूल सहित अन्य निर्माण कार्यो की प्रगति देखी और सभी कार्यो को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए ताकि बच्चे यहां तैराकी प्रशिक्षण ले सके। इस दौरान पीडब्ल्यूडी, स्मार्ट सिटी परियोजना से संबंधित अधिकारी एवं ठेकेदार मौजूद थे। 

 कलेक्टर ने बिलासपुर स्मार्ट सिटी द्वारा स्वीमिंग पूल में शेड निर्माण कार्य का भी जायजा लिया। बताया गया कि यह शेड निर्माण कार्य अप्रैल माह तक पूरा कर लिया जाएगा। कलेक्टर ने इसके संबंध में जरूरी निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने चिल्ड्रन स्वीमिंग पूल, वेटिंग रूम एवं इंडोर हॉल मरम्मत काम का जायजा लिया। इस काम को भी पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। चिल्ड्रन स्वीमिंग पूल की धीमी गति पर ठेकेदार को फटकार लगाई। स्वीमिंग पूल, वेटिंग रूम एवं इंडोर हॉल मरम्मत के लिए 99 लाख रूपए स्वीकृत किये गये हैं। इसका निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जा रहा है

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