– भूमिगत जल को सिर्फ पेयजल के लिए उपयोग सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
– ग्रीष्म ऋतु के दौरान ट्यूबवेल से पानी लेकर सिंचाई करने से भू-जल स्तर में आ रही कमी
– ग्रीष्म ऋतु में धान की फसल से भू-जल स्तर जा रहा नीचे
– जनसामान्य में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत
– जिले में बोरवेल के माध्यम से भू-जल का अत्यधिक दोहन किए जाने के कारण बन रही जल संकट की स्थिति
– कलेक्टर ने पीएचई विभाग के सभी मैदानी अमले एसडीओ, उप अभियंता, हैण्डपंप तकनीशियनों की ली बैठक
राजनांदगांव मार्च 2025/sns/ कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की सतत आपूर्ति के लिए आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सभी मैदानी अमले एसडीओ, उप अभियंता, हैण्डपंप तकनीशियनों की बैठक ली। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए जिले में पेयजल के संबंध में जानकारी ली तथा पेयजल की सतत आपूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मैदानी अमले को अलर्ट रहकर जिम्मेदारी के साथ बहुत अच्छा कार्य करने कहा। उन्होंने बिना अनुमति से लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को अवकाश पर प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिले में लगातार भू-जल स्तर नीचे जा रहा है, जिससे पानी की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पानी के महत्व को बताते हुए जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत है तथा किसानों को कम पानी उपयोग वाली फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करें तथा अधिक से अधिक पौधरोपण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान ट्यूबवेल से पानी लेकर सिंचाई करने से भू-जल स्तर में बहुत कमी आ रही है, इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण का कार्य अभियान की तरह करना होगा, तभी आने वाली पीढ़ी को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। जिससे ग्रीष्म ऋतु में पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए। इसके लिए चिन्हांकित ग्रामों में जल समस्या समाधान शिविर, जल संगोष्ठी, फसल चक्र परिवर्तन, वृक्षारोपण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने भूमिगत जल को सिर्फ पेयजल के लिए उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए भू-जल के रिचार्ज हेतु जनसहयोग से 1000 इंजेक्शन वेल मशीनों का उपयोग ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में बोरवेल के माध्यम से भू-जल का अत्यधिक दोहन किए जाने के कारण जल संकट की स्थिति बन रही है। इसे दूर करने के लिए सबकी सहभागिता आवश्यक है। कलेक्टर ने सभी मैदानी अमले को जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत से निरंतर संपर्क रखने के निर्देश दिए। इसके लिए व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाने कहा। उन्होंने टोल फ्री 18002330008 नंबर में शिकायत प्राप्त होने पर यथाशीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए। बैठक में कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री समीर शर्मा ने मैदानी अमलों से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में चालू और बंद हैण्डपंप के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने सभी ग्रामवार हैण्डपंपों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति का कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए। ग्रामीणों को हैण्डपंप में पानी नहीं आने के कारण को विस्तार से जानकारी देने कहा। इसके साथ ही जल संरक्षण के तरीकों के संबंध में जानकारी देने कहा। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ, उप अभियंता और हैण्डपंप तकनीशियन उपस्थित थे।
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प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना से बिजली की हो रही बचत – श्री रमेश एम चावडा
– सौर ऊर्जा को मिल रहा बढ़ावा
– रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए मिला 78 हजार रूपए का अनुदान
राजनांदगांव 12 मार्च 2025। भारत सरकार द्वारा शहरी एवं ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपने घरों की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत राजनांदगांव जिले में घरों की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट हितग्राहियों के घरों में संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। राजनांदगांव शहर के अनुपम नगर निवासी श्री रमेश एम चावडा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना 1 लाख 90 हजार रूपए की लागत से 3 किलोवाट का रूफटॉप सोलर प्लांट लगाया है, जिसमें शासन की ओर से 78 हजार रूपए की अनुदान राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि केन्द्र सरकार की यह योजना बहुत अच्छी योजना है और इससे बिजली की बचत हो रही है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिल रहा है तथा पर्यावरण की रक्षा हो रही है। सौर ऊर्जा के उपयोग से विद्युत ऊर्जा पर निर्भरता में कमी आयी है, जिससे बिजली के बिल भुगतान में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को जागरूकता के साथ इस योजना का लाभ लेना चाहिए तथा अपने घरों में सौर ऊर्जा से संबंधित रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाना चाहिए। शासन की ओर से इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। सौर ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा के एक अच्छे विकल्प के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत स्थापित प्लांट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से संयोजित होगा, जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। शासन द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत 30 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी प्रति प्लांट दिए जाने का प्रावधान है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार लागत राशि एवं सब्सिडी अलग-अलग है। उपभोक्ता द्वारा सोलर प्लांट के ब्रांड चयन कर सकते हंै। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रूपए तक सब्सिडी का प्रावधान है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को वेबसाईट श्चद्वह्यह्वह्म्4ड्डद्दद्धड्डह्म्.द्दश1.द्बठ्ठ या क्करूस्ह्वह्म्4ड्डत्रद्धड्डह्म् मोबाईल एप पर पंजीयन कर लॉग इन आईडी प्राप्त करना होगा। इसके बाद वेब पोर्टल पर उपलब्ध वेंडर का चुनाव कर बिजली कर्मचारी की मदद से वेब पोर्टल पर पूर्ण आवेदन करना होगा। निर्धारित अनुबंध हस्ताक्षरित होने के पश्चात वेंडर द्वारा छत पर प्लांट की स्थापना एवं डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर स्थापित किया जाता है। स्थापित प्लांट के सत्यापन पश्चात शासन द्वारा सब्सिडी ऑनलाईन जारी कर दी जाती है। इस दौरान यदि उपभोक्ता इच्छुक हो तो शेष राशि का प्रकरण 7 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक ऋण हेतु बैंकों को जनसमर्थन पोर्टल द्वारा ऑनलाईन प्रेषित किया जाता है।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ग्राम पनेका एवं फरहद में महिला जन-जल जागरूकता अभियान का हुआ आयोजन
राजनांदगांव 12 मार्च 2025। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा महिलाओं को जल संसाधनों के महत्व एवं उसके प्रति जागरूक करने तथा महिला शक्ति से जल शक्ति के सिद्धांत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम पनेका एवं फरहद में महिला जन-जल जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने जल संरक्षण एवं स्वच्छता पर महत्वपूर्ण चर्चा की। जल जीवन मिशन अंतर्गत जल सभा में जल बहिनियों को समय-समय पर पानी की जांच करने, जल को स्वच्छ रखने के विभिन्न उपायों के बारे में बताया गया। अभियान के तहत महिलाओं को जल संरक्षण एवं जल संकट के समाधान में सक्रिय भागीदारी निभाने हेतु तैयार किया गया। जल का संरक्षण आने वाले पीढिय़ों के लिए करने का संदेश दिया गया। जल जीवन मिशन के तहत जल संरक्षण के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों को अत्यधिक प्रभावी बनाने के लिए महिला शक्ति की भूमिका के महत्व के बारे में बताया गया तथा महिलाओं को जल जीवन मिशन का हिस्सा बन कर जल संरक्षण के कार्यों में शाािमल होने की अपील की गई।
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शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए किए जा रहे आवश्यक जतन
– कमजोर वर्ग तथा वंचित समूह के बच्चों की निर्बाध शिक्षा व्यवस्था की जा रही सुनिश्चित
– जिले में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना अंतर्गत कक्षा 1ली से 10वीं तक के बच्यों के लिए प्रदाय की जा रही नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक
– पहली से आठवीं तक बच्चों को मिल रहा नि:शुल्क गणवेश
– बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए नि:शुल्क सरस्वती सायकल योजना अंतर्गत 6 हजार 538 पात्र बालिकाओं को मिला नि:शुल्क सायकल
– प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत 89 हजार 308 बच्चों को दिया जा रहा गर्म एवं पौष्टिक भोजन
– 6943 न्योता भोज से 4 लाख 44 हजार 821 बच्चे हुए शामिल
राजनांदगांव 12 मार्च 2025। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा बच्चों के शिक्षा के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए अभिभावकों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो इसके लिए आवश्यक जतन किए गए हैं। शासन द्वारा बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से लोक व्यापीकरण एवं कमजोर वर्ग तथा वंचित समूह के बच्चों के साथ ही सभी विद्यार्थियों को निर्बाध शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक का वितरण किया जा रहा है। जिले में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना अंतर्गत कक्षा 1ली से 10वीं तक के सभी शासकीय, अशासकीय और अनुदान प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक प्रदान किया जा रहा है। इस तरह प्रारंभिक शिक्षा को लोकप्रिय बनाने तथा विद्यार्थियों में समानता का भाव लाने के लिए नि:शुल्क गणवेश प्रदाय योजना के तहत जिले के कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी शासकीय विद्यालय एवं मदरसे में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क गणवेश प्रदाय किया जा रहा है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए शासकीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में प्रथम बार प्रवेशित अनुसूचित जाति, जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओ को नि:शुल्क सरस्वती सायकल योजना अंतर्गत सायकल प्रदान किया जा रहा है। शिक्षा सत्र 2024-25 में जिले के कुल 6 हजार 538 पात्र बालिकाओं को नि:शुल्क सायकल प्रदान किया गया है। शासन की इस योजना से बालिका शिक्षा में आशातीत वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत जिले के कुल 1206 शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 89 हजार 308 बच्चों को गर्म एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है। योजना के तहत मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य एवं योजना का संचालन महिला स्वसहायता समूह द्वारा किया जाता है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत 791 प्राथमिक स्तर के शालाओं में अध्ययनरत 52 हजार 576 बच्चे एवं 415 अपर प्राथमिक स्तर के शालाओं में अध्ययनरत 36 हजार 732 बच्चे मध्यान्ह भोजन से लाभान्वित हो रहे हंै। मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य 1206 महिला स्वसहायता समूह के 2644 रसोईयों द्वारा किया जाता है। अब तक जिले के विद्यालयों में 6 हजार 943 न्योता भोज का आयोजन किया गया है, जिसमें 4 लाख 44 हजार 821 बच्चे शामिल हुए है। पीएमश्री योजनांतर्गत जिले में 40 स्कूल को शामिल किया गया है, जहां बच्चों को गुणवत्ताापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। साथ ही बच्चों के पढऩे लिखने के लिए बेहतर अधोसंरचना एवं सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है।
जिले में संचालित 1336 विद्यालयों में तीन बार मेगा पालक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 34 हजार 289 पालक शामिल हुए। इसके तहत 771 प्राथमिक शाला में 16 हजार 756, 399 पूर्व माध्यमिक शाला में 9 हजार 837, 54 हाई स्कूल में 1 हजार 670 एवं 112 हायर सेकेण्डरी स्कूल में 6 हजार 26 अभिभावक मेगा पालक बैठक में शामिल हुए। जिले के 267 प्राथमिक शालाओं में आंगनबाड़ी केन्द्रों को बालवाड़ी के रूप में विकसित किया गया है। जहां 5 से 6 वर्ष के 1437 बच्चों को नई शिक्षा नीति के तहत खेल-खेल में मनोरंजक तरीके से अध्यापन कराया जा रहा है तथा शाला के एक कक्ष को प्रिटंरिच कर अध्यापन सुविधायुक्त बनाया गया है। केन्द्रों में संबंधित शाला के शिक्षक बच्चों के लिए प्रतिदिन 2 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के लिए टीडीएस व टीसीएस पर जागरूकता सेमिनार का किया गया आयोजन
– ई-फाईलिंग, ई-टीडीएस व टीसीएस कटौती के संबंध में विस्तार से दी गई जानकारी
राजनांदगांव 12 मार्च 2025। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल की उपस्थिति में जिले के आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के लिए आयकर विभाग एवं जिला कोषालय राजनादगांव के समन्वय से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में टीडीएस व टीसीएस पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, प्रशिक्षु वनमंडलाधिकारी, आयकर अधिकारी (टीडीएस) भिलाई सुश्री रजनी श्रीकुमार उपस्थित थे। आयकर अधिकारी (टीडीएस) भिलाई रजनी श्रीकुमार ने कहा कि आहरण संवितरण अधिकारियों एवं उनके कर्मचारियों को टीडीएस एवं टीसीएस कटौती समय पर कराना बहुत आवश्यक है। सेमिनार में रिटर्न फाईलिंग, ई-टीडीएस और टीसीएस कटौती के समय रखे जाने वाली सावधानियों के संबंध में जानकारी विस्तार से दी। सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों एवं वित्त, लेखा से जुड़े स्टाफ को टीडीएस और टीसीएस से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। ई-टीडीएस और टीसीएस प्रति तिमाही रिटर्न फाईल करना चाहिए। ई-टीडीएस व टीसीएस रिटर्न की देय तिथियां, टीडीएस व टीसीएस से संबंधित कोई अन्य मुद्दे सहित अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।
सेमिनार में बताया गया कि टीडीएस कटौती का चालान का मेल न खाना, त्रैमासिक ई-टीडीएम व टीसीएस रिटर्न की गलत फाइलिंग, त्रैमासिक रिटर्न देरी से दाखिला करने के कारण कटौतीकर्ताओं के खिलाफ बकाया मांग के लिए स्वत: नोटिस जारी हो जाता है। इन त्रुटियों के कारण केन्द्र व राज्य सरकार तथा आयकर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का समय बर्बाद होता है। शासकीय सेवक एवं शासकीय विभागों से भुगतान प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को समय पर रिफंड नहीं मिलने से मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिला कोषालय अधिकारी श्री दिलीप सिंह ने बताया कि जिला कोषालय के समन्वय से टीडीएस एवं टीसीएस के लिए जागरूकता प्रदान करने तथा अधिकारियों के जिज्ञासा के समाधान के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा सहित जिला स्तरीय अधिकारी, लेखा से संबंधित कर्मचारी उपस्थित थे।
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दो दिवसीय फसल भंडारण प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
– किसानों को फसल उत्पादकता में वृद्धि, वैज्ञानिक भंडारण पद्धति एवं कटाई पश्चात होने वाले नुकसान को कम करने के संबंध में दी गई जानकारी
राजनांदगांव 12 मार्च 2025। इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल एवं जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर अटारी जबलपुर डॉ. एसआरके सिंह के मार्गदर्शन तथा निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ एसएस टूटेजा के निर्देशन में राजनांदगांव जिले के विभिन्न ग्रामों में कृषकों के लिए केन्द्रीय भंडारण निगम एवं कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव के तत्वावधान में दो दिवसीय फसल भंडारण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
दो दिवसीय फसल भंडारण प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को फसल उत्पादकता में वृद्धि, वैज्ञानिक भंडारण पद्धति एवं कटाई पश्चात होने वाले नुकसान को कम करने के संबंध में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के प्रथम दिवस कृषि विज्ञान केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुंजन झा ने फल एवं सब्जियों के प्रसंसकरण व संवर्धन विषय के संबंध में व्याख्यान दिया। साथ ही भंडार गृह प्रबन्धक श्री राकेश डड़सेना द्वारा भंडार गृहों में फसलों की वैज्ञानिक भंडारण तकनीकी, कृषि महाविद्यालय सुरगी के कीट विषय के प्राध्यापक डॉ. मनोज चंद्राकर द्वारा कटाई पश्चात फसलों का उचित भंडारण एवं भंडार गृहों मे कीट व्याधि नियंत्रण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अतुल डांगे ने फसल कटाई के पश्चात होने वाले नुकसान को कम करने की पद्धति, श्रीमती अंजलि घृतलहरे ने फसलों की उत्पादन तकनीक एवं स्टेट बैंक राजनांदगांव कृषि विकास शाखा के शाखा प्रबन्धक श्री रजनीश सोनी द्वारा कृषि ऋण एवं अन्य बैंकिंग सुविधाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
निदेशक विस्तार सेवाएं इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर डॉ. एसएस टूटेजा के मुख्य आतिथ्य में प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय दिवस में कृषकों के उत्पादकता में वृद्धि एवं भंडारण की वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की गई। शाखा प्रबन्धक राज्य भंडारण निगम श्री सूर्यकांत नागेंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य भंडारण निगम बसंतपुर का भ्रमण एवं भंडारण प्रक्रिया की जानकारी प्रदान की गई। उप प्रबन्धक केंद्रीय भंडार निगम सेटेलाइट कार्यालय रायपुर श्री धीरज गर्ग द्वारा डब्ल्यूडीआरए एक्ट 2017 की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। केंद्रीय भंडार निगम सेटेलाइट कार्यालय रायपुर के क्षेत्र प्रबन्धक श्री संदीप कुमार रेड्डी एवं निदेशक विस्तार सेवाए इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर डॉ. एसएस टूटेजा द्वारा कृषकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, भंडारण सामग्री एवं खरीफ मौसम हेतु धान बीज वितरित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम मे केंद्रीय भंडार निगम रायपुर के विभिन्न अधिकारी- कर्मचारी, केंद्र के वैज्ञानिक श्री मनीष कुमार सिंह, डॉ. योगेंद्र श्रीवास, श्री जितेंद्र मेश्राम एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।
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