छत्तीसगढ़

सफलता की कहानी

स्वावलंबन के सारथी- हुनरमंद युवतियां बना रहीं अपनी पहचानसुकमा, 13 मार्च 2025/सुकमा जिले की युवतियां अपने आत्मनिर्भरता के सपने को साकार कर रही हैं। कठिन संघर्ष और चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर सफलता की नई इबारत लिखी है। जिले की 24 वर्षीय शबाना बेगम ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से न केवल खुद को स्वावलंबी बनाया, बल्कि अन्य युवतियों को भी हुनरमंद बना रही हैं।
स्वावलंबन की मिसाल बनीं शबाना बेगम
शबाना बेगम ने ग्रेजुवेशन समाप्त होने के बाद उसने काम करने का फैसला लिया और अपनी दो सिलाई मशीनों के साथ ‘शबाना बुटीक सिलाई शॉप’ की नींव रखी। आज यह बुटीक 07 मशीनों और 5 स्टाफ के साथ जिले की प्रतिष्ठित ड्रेस डिजाइनिंग शॉप बन चुका है। उनकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि वे हर महीने 20 हजार रुपये से अधिक की कमाई कर रही हैं।
शबाना न केवल खुद का व्यवसाय चला रही हैं, बल्कि अन्य युवतियों को भी निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनने का अवसर दे रही हैं। उनके पिता मोहम्मद अय्यूब अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करते हैं और कहते हैं, शबाना ने खुद के पैरों पर खड़े होकर यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और लगन हो, तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
युवाओं को भी मिल रहा रोजगार
शबाना के प्रशिक्षण से लाभान्वित होकर कई युवक-युवतियां आत्मनिर्भर बन रहे हैं। तालनार गांव के राजू पोडियामी ने बताया कि उनके गांव में पहले कोई सिलाई की दुकान नहीं थी, लेकिन शबाना बुटीक से प्रशिक्षण लेकर उन्होंने खुद की दुकान शुरू कर दी है। इसी तरह, 5 अन्य युवतियों ने भी सिलाई का प्रशिक्षण लेकर अपने घर पर ही काम शुरू कर दिया है।
शासन-प्रशासन से मिली सराहना
शासन-प्रशासन भी शबाना बेगम के इस प्रयास की सराहना कर रहा है। जिला प्रशासन का कहना है कि ऐसे स्वरोजगार से जुड़े युवा सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आगे बढ़ सकते हैं। प्रशासन ने युवाओं से अपील की है कि वे शबाना जैसी प्रेरणादायक शख्सियतों से सीख लेकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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