छत्तीसगढ़

फाइलेरिया की गंभीर बीमारी से बचाव के लिए कलेक्टारेट में कराया गया दवाई का सेवन


राजनांदगांव मार्च 2025/sns/ कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल की उपस्थिति में राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत आज कलेक्टोरट सभाकक्ष में सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत फाईलेरिया की गंभीर बीमारी से बचाव के लिए सभी अधिकारियों ने फाइलेरिया की दवाई खाई। कलेक्टर ने फाईलेरिया की गंभीर बीमारी से बचाव के लिए सभी अधिकारियों को फाइलेरिया की दवाई खाने के लिए प्रेरित किया। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कलेक्टारेट के विभिन्न विभागों में पहुंचकर अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा आमजनों को भी फाईलेरिया (हाथी पांव) जैसे गंभीर बीमारी से बचाव के लिए फाइलेरिया की दवा का सेवन करवाया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि फाईलेरिया मच्छरों के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है, जिसे सामान्यत: हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। फाईलेरिया रोग के नियंत्रण के लिए जिले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर फाईलेरिया (हाथी पांव) जैसे गंभीर बीमारी से बचाव के लिए सभी फाइलेरिया की दवा खाना चाहिए। शासन द्वारा इस रोग से बचाव के लिए नि:शुल्क फाइलेरिया की दवा दी जा रही है। दवा के सेवन से फाइलेरिया सम्बंधित शिकायत नहीं होगी। सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान फाइलेरिया की दवा का सेवन कर हाथी पाव बीमारी से बचा जा सकता है। यह दवा अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर बनी है तथा पूरी तरह से सुरक्षित है। फाइलेरिया की दवा खाली पेट नहीं खाना है। यह दवा 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी को खाना चाहिए। जिससे भविष्य में फाईलेरिया रोग से बचा जा सकता है एवं शहर में पनप रहे परजीवी का नाश हो सके और सभी नागरिक फाईलेरिया के भय से निजात पा सके। दवा जब अपना कार्य शुरू करती है, तो कुछ देर के लिए जी मितलाना, सर दर्द या चक्कर आना जैसी प्रतिक्रिया स्वभाविक है, जो कुछ ही देर में स्वत: ही समाप्त हो जाता है। यह दवा का सकारात्कम प्रभाव है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, अपर कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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