पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के साथ सांस्कृतिक उत्सव का शुभारंभ
सुकमा, 18 मार्च 2025/ बस्तर पण्डुम 2025 के प्रथम दिवस का भव्य आयोजन आज एनआरसी भवन, बंडा रोड, कोण्टा में संपन्न हुआ। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ नागरिकों, आदिवासी समाज प्रमुखों और सिरहा-गायता पूजारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बस्तर पण्डुम 2025 का यह उत्सव पारंपरिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।
पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति
कार्यक्रम में विभिन्न विकासखंडों से आए कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
कामाराम से ढोलक जनजातीय वाद्य-यंत्र का प्रदर्शन किया गया। रेगडगट्टा से श्री पांडू मचा की तोड़ी और बंसी वाद्य यंत्र की धुन गूंजी। अरलमपल्ली मरवाही से किकिड वाद्य यंत्र की आकर्षक प्रस्तुति हुई।
स्टॉलों का निरीक्षण एवं पेय पदार्थों का अवलोकन
कार्यक्रम के दौरान जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ नागरिकों ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया। इन स्टॉलों में आदिवासी समाज द्वारा निर्मित पारंपरिक पेय पदार्थों का भी अवलोकन किया गया, जिसमें महुआ, सल्फी और अन्य जैविक पेय विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
सीईओ जनपद पंचायत कोंटा श्री नारद कुमार मांझी ने बताया कि कार्यक्रम का दूसरा दिन कल, 19 मार्च को आयोजित किया जाएगा, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन कर उन्हें जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भेजा जाएगा।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री कोरसा सन्नू, जनपद सदस्य श्री मडकम भीमा, श्री साईं रेड्डी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।