छत्तीसगढ़

औद्योगिक नीति 2024-2030 अंतर्गत प्राप्त सुविधाओं का लाभ ले उद्यमी : कलेक्टर

  • औद्योगिक नीति 2024-2030 एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करने हेतु उद्यम समागम कार्यक्रम का आयोजन
  • रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज शाफ्ट के माध्यम से भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने, जल संरक्षण एवं पौधरोपण के लिए किया आव्हान
  • प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत पैकेज सहायता तथा सेवाओं के माध्यम से लाभ लें उद्यमी, 1 करोड़ रूपए तक मिल सकता है ऋण
  • उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने और औद्योगिक विकास में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए कारगर
  • औद्योगिक नीति विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, दिव्यांगजनों एवं कमजोर वर्गों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर केंद्रित
    राजनांदगांव मार्च 2025/sns/ जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र राजनांदगांव द्वारा औद्योगिक नीति 2024-2030 एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करने हेतु आज निजी होटल में उद्यम समागम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने उद्यम समागम को संबोधित करते हुए कहा कि उद्यमियों को शासन की विभिन्न योजनाओं की सुविधाओं का लाभ लेते हुए जिले में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित करने के लिए कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रारंभ करने के लिए औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 में निवेश प्रोत्साहन, ब्याज अनुदान द्वारा उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल दिया गया है। उन्होंने सभी उद्यमियों से कहा कि उद्यम समागम में शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेते हुए सुविधाओं का लाभ ले तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देते हुए उद्यम प्रारंभ करें। जिले में उद्योगों की स्थापना हेतु जिला प्रशासन द्वारा उद्यमियों को हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने सभी उद्योगों को भूमिगत जल की खपत सीमित रखते हुए रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज शाफ्ट के माध्यम से भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने और भविष्य में पौधरोपण के लिए प्रेरित किया, ताकि जिले का तापमान स्थिर रहे। कलेक्टर ने सभी से जल संरक्षण एवं पौधरोपण के लिए आव्हान किया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के कार्यों में सभी की सहभागिता होनी चाहिए। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह उपस्थित रही।
    महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग श्री सानू वर्गीस ने स्थायी पूंजी लागत अनुदान, ब्याज अनुदान, स्टॉम्प शुल्क में छुट, विद्युत शुल्क में छुट, मार्जिग मनी के अनुदान के संबंध में उद्यमियों को जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 अंतर्गत उद्यमियों को सुविधा, अनुदान, छुट, रियायते प्रदान की गई है। शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत व्यवसायी लाभ ले सकते है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत एक पैकेज सहायता तथा सेवाओं के माध्यम से लाभ दिया जा रहा है। असंगठित खाद्य प्रसंस्करण सुक्ष्म उद्योग क्षेत्र के योगदान और उनके कार्य के दौरान बाधाएं एवं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यह योजना शुरू की गई है। इस योजना अंतर्गत 3 प्रतिशत की छुट ब्याज दर पर होगी। इस योजना अंतर्गत नवीन खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जा सकती है एवं पहले से संचालित इकाईयों के उन्नयन हेतु इस योजना का लाभ लिया जा सकता है। इस योजना अंतर्गत सूक्ष्य उद्योगों हेतु प्लांट एवं मशीनरी में निवेश के लिए 1 करोड़ रूपए तक का ऋण दिया जा रहा है। लघु एवं सुक्ष्म उद्योग मुररा, पापड़, बड़ी, मुरकू, चिवड़ा, नुडल्स, चांवल का आटा, राईस मिल, हॉलर मिल, फ्लोर मिल, पोहा मिल, जैम, जैली, टोमैटो सॉस, बेकरी उत्पादन, मसाला उद्योग, आचार सहित अन्य उत्पादों के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
    जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग के सहायक संचालक श्री सतविंदर सिंह भाटिया ने विभागीय योजनाओं एवं औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में शासन द्वारा प्रदान की गई सभी अनुदान एवं छूट की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रस्तुत औद्योगिक विकास नीति 2024-30 प्रदेश को औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक ठोस कदम है। यह नीति राज्य के संसाधनों का सदुपयोग कर औद्योगिक समृद्धि, रोजगार सृजन, नवाचार, और संतुलित क्षेत्रीय विकास की दिशा में मार्गदर्शन करेगी। इस औद्योगिक नीति का मूल उद्देश्य छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर, औद्योगिक रूप से मजबूत और निवेश के लिए एक आकर्षक केंद्र बनाना है। यह नीति उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने और औद्योगिक विकास में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए बनाई गई है। शासन द्वारा निवेशकों के लिए विभिन्न प्रकार के अनुदान और छूट प्रदान की गई है। जिसमें स्थायी पूंजी लागत अनुदान, ब्याज अनुदान, स्टांप ड्यूटी शुल्क छूट, विद्युत शुल्क में छूट और मार्जिन मनी अनुदान शामिल है। यह नीति विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, दिव्यांगजनों एवं कमजोर वर्गों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से राज्य में समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह नीति आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, स्टार्टअप और उन्नत तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान करती है। इससे छत्तीसगढ़ को प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में सहायता मिलेगी। सरकार ने महिला उद्यमियों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, थर्ड जेंडर, पूर्व सैनिकों एवं अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों के लिए विशेष सुविधाएं एवं अनुदान देने की घोषणा की है। नीति के तहत वेयर हाउस, लॉजिस्टिक्स हब और कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे औद्योगिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी। राज्य के विकासखंड को तीन श्रेणियों ग्रुप-1, ग्रुप-2, और ग्रुप-3 में बांटकर औद्योगिक विकास को समान रूप से बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। फार्मा, वस्त्र उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, एआई बेस्ड उद्योग सहित अन्य उद्योगों को विशेष पैकेज के तहत प्रोत्साहित किया गया है। लीड बैंक मैनेजर श्री मुनीष शर्मा ने लघु उद्यम तथा अन्य व्यावसाय प्रारंभ करने के लिए दिए जाने वाले उद्योगों को बैंकिंग सुविधाओं एवं ऋण संबंध में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के अंत में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के प्रबंधक श्री परमेश्वर साहू द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
    उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए तथा रोजगार के अवसर सृजन हेतु प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत एक नई ऋण सहबद्ध सब्सिडी कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है, जिसमें लाभार्थियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों का अंशदान 10 प्रतिशत, शहरी क्षेत्र में सब्सिडी की दर 15 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सिीडी की दर 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजताति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक, महिला, भूतपूर्व सैनिक, दिव्यांग हेतु लाभार्थी का अंशदान परियोजना के लिए 5 प्रतिशत होगा तथा शहरी क्षेत्र में परियोजना लागत में 25 प्रतिशत सब्सिडी दर एवं ग्रामीण क्षेत्र में परियोजना लागत में 35 प्रतिशत सब्सिडी दर होगी। कार्यक्रम बड़ी संख्या में जिले के उद्यमी उपस्थित थे।

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