राजनांदगांव, 22 अप्रैल 2025/ sns/- कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभाकक्ष में रबी 2024-25 की समीक्षा एवं खरीफ 2025 का कार्यक्रम निर्धारण की संभागीय बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर संभागायुक्त श्री सत्यनारायण राठौर, कलेक्टर दुर्ग श्री अभिजीत सिंह, कलेक्टर कबीरधाम श्री गोपाल वर्मा, कलेक्टर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी श्रीमती तुलिका प्रजापति विशेष रूप से उपस्थित थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार ने खरीफ में धान का रकबा कम करने एवं दलहन-तिलहन, लघु धान्य फसलों तथा अन्य फसलों को प्रोत्साहित करने कहा। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में खाद एवं बीज की कमी नहीं होना चाहिए। इसके लिए लगातार साप्ताहिक समीक्षा करें तथा सतत निगरानी करें। समय के पहले ही खाद एवं बीज का अग्रिम उठाव करना सुनिश्चित करें। धान के बदले दलहन-तिलहन, मक्का, गन्ना जैसे कम पानी की खपत वाले फसलों को लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है। खरीफ सीजन में डीएपी, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, नैनो युरिया जैसे उर्वरक की आपूर्ति होते रहे। उन्होंने कहा कि समितियों द्वारा पॉज मशीन में प्रविष्टि होते रहना चाहिए। बीज वितरण करने के पहले बीज की गुणवत्ता का परीक्षण अवश्य कराएं। अल्पकालीन ऋण अंतर्गत धान की फसल के साथ ही अन्य फसलों के लिए पर्याप्त ऋण सुनिश्चित करें। उन्होंने राजनांदगांव जिले में फसल विविधीकरण के लिए किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल चक्र परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने राजनांदगांव जिले में जल संरक्षण हेतु जल स्तर बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कनर्वेजेन्स करते हुए जल संरचना का निर्माण करने और जल संरक्षण के कार्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने खरीफ वर्ष 2024 एवं रबी 2024-25 में दुर्ग जिले के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रशंसा की।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार ने कहा कि नेशनल मिशन ऑन इडिबल आईल, नेचुरल फार्मिंग जिले में संचालित है और कार्य मिशन मोड में चल रहा है, जिसमें वैल्यू चैन पार्टनर महत्वपूर्ण है। जैविक कृषि के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। सबसे ज्यादा 61 क्लस्टर कबीरधाम जिले में है। इसके लिए किसानों का चयन कर 4 हजार रूपए प्रति एकड़ प्रत्येक किसान को प्रदान कर प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए कृषि सखी को प्रशिक्षण भी दिलाएं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अंतर्गत किसानों को शत-प्रतिशत लाभान्वित कराने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि दुर्ग संभाग में सिर्फ दुर्ग एवं बालोद जिले में 466 दलहन-तिलहन की खरीदी की गई है। इसके संबंध में किसानों को अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करें, ताकि वे इस योजना से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने लघु धान्य फसलों का रकबा बढ़ाने के लिए कहा। पशुधन विकास विभाग अंतर्गत कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से पशु नस्ल सुधार, पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत सिरोमांनिटरिंग एवं सिरोसार्विलेंस के माध्यम से टीकाकरण की गुणवत्ता का आंकलन, एएचडीएफ केसीसी के अंतर्गत बैंक प्रकरण की स्वीकृति एवं राशि वितरण, समग्र डेयरी विकास योजनांतर्गत आदिवासी परिवार को दुधारू पशु क्रय हेतु अनुदान, आईएसएस अंतर्गत दुग्ध, अण्डा, मांस का उत्पादन संबंधी सर्वे, एनएलएम ईडीपी अंतर्गत पशुपालकों के प्रकरण स्वीकृति एवं राशि वितरण की समीक्षा, धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना तथा मत्स्य पालन विभाग अंतर्गत से संबंधित योजना के संबंध में चर्चा की गई। कलेक्टर दुर्ग श्री अभिजीत सिंह, कलेक्टर कबीरधाम श्री गोपाल वर्मा, कलेक्टर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने अपने जिले के रबी 2024-25 एवं खरीफ 2025 में किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। कलेक्टर कबीरधाम श्री गोपाल वर्मा ने बताया कि गन्ने का रकबा बढ़ाया जा रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड में बढ़ोत्तरी हुई है। कलेक्टर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने बताया कि लघु धान्य फसलों के अलावा मक्के की फसल लगाई जा रही है। वही जिले में किसान सुरजमुखी की खेती भी कर रहे है। जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने जिले में रबी 2024-25 एवं खरीफ 2025 में किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में फसल विविधीकरण की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही तिवड़ा, कुलथी, अलसी का उत्पादन भी जिले में होता है। मक्के की फसल की बिक्री के लिए भी चर्चा की। किसान क्रेडिट कार्ड 89 प्रतिशत सक्रिय है। खाद-बीज की अमानक होने की स्थिति में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने जिले में जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने जिले में वाटर शेड निर्माण की बात रखी। ग्रीष्म ऋतु में अम्बाड़ी शरबत, जैविक खेती के तहत किसानों द्वारा किए जा रहे खेती के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एबीस एवं राजा राम कंपनी द्वारा मक्के के बीज उपलबध कराएं गए है और 3 हजार एकड़ में मक्के की फसल ली जा रही है। इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से खेती करने में मदद मिलेगी तो और अच्छा लाभ हो सकता है। उन्होंने फसल की किस्मों, उर्वरक एवं बीज की मांग प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत अधिसूचित फसलों के पंजीयन, फसलवार उपार्जन तथा फसल विविधीकरण में इसके उपयोग हेतु रणनीति एवं सुझाव के संबंध में चर्चा की गई। इस अवसर पर संचालक कृषि एवं प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड, संचालक पशुधन विकास विभाग, पंजीयक सहकारी संस्थाएं, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड, प्रबंध संचालक मार्कफेड, प्रबंध संचालक बीज प्रमाणीकरण संस्था, संचालक मत्स्य पालन विभाग, क्षेत्रीय प्रबंधक नाबार्ड, प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग, उप संचाल कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
